यदि आपको भाग्यवश या किसी कारणवश अपनी इच्छा के विपरीत कोई काम करना पड़ रहा है तो एक कपूर और एक फूल वाली लौंग लेकर दोनों को एक साथ जला कर उसकी राख बना लें। इस राख को एक कागज की पुडिय़ा सम्भाल कर रख लें और 2-3 दिन तक थोड़ा-थोड़ा खाएं। ऐसा करने से आपकी मजबूरी ख़त्म हो जाएगी और आपको अपनी इच्छा के विपरीत कार्य नहीं करना पड़ेगा।
भगवान गणपति को सभी विध्नों का नाशक कहा जाता है। अगर कभी कोई ऐसी समस्या सामने आ जाए जो किसी भी प्रकार से दूर नहीं हो रही है तो सुबह के समय भगवान श्रीगणेशजी की पूजा-अर्चना कर तांत्रोक्त श्रीगणेश गायत्री मंत्र का जाप करें अथवा गणपति अर्थवाशीर्ष के पाठ का तीन बार जाप करने से, बड़ी से बड़ी दुविधा तुरंत दूर हो जाएगी। श्रीगणेश गायत्री मन्त्र निम्न प्रकार हैं
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्
इसी तरह भगवान भैरव भी सभी अनिष्टों को टालने वाले माने जाते हैं। इनके नाम मात्र से ही बुरी शक्तियां आपका पीछा छोड़ देती है। बिगड़े हुए कामों को संवारने के लिए आपको भगवान भैरव का पूजन करना चाहिए तथा पास के किसी भैरव मंदिर में जाकर भैरव चालीसा का रोजाना पाठ करें। तब आपका बिगड़ा हुआ कार्य जल्द ही बन जाएगा।
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