Friday, December 23, 2016

यह है चमत्कारी मन्त्र, मृत्यु भी टल जाती है इसके जाप से

यह है चमत्कारी मन्त्र, मृत्यु भी टल जाती है इसके जाप से
ज्योतिष

भगवान शिव को कल्याणकारी माना जाता है। माना जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों पर आने वाले कष्टों हरण कर लेतें। जब-जब देवताओं, ऋषि-मुनियों या फिर ब्रह्मांड में कहीं भी जीवन पर संकट आया है तमाम कष्टों के विष को भगवान शिव ने धारण किया है। भगवान शिव के कुछ लोकप्रिय मंत्र जिनसे आप भगवान शिव की आराधना कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं और उनकी कृपा पा सकते हैं।

- ऐसे जानें अपने पिछले जन्म का राज

शिव मूल मंत्र
ॐ नमः शिवाय॥

इस मंत्र के द्वारा कोई भी भगवान शिव की उपासना कर सकता है। इस मंत्र में भगवान शिव को नमन करते हुए उनसे स्वयं के साथ-साथ जगत के कल्याण की कामना की जाती है।

महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनानत् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

इस मंत्र के जाप से भगवान शिव को प्रसन्न कर उनकी असीम कृपा तो प्राप्त होती ही है। इस मंत्र का सवा लाख बार निरंतर जप कर ले तो वर्तमान अथवा भविष्य की समस्त शारीरिक व्याधियां एवं अनिष्टकारी ग्रहों के दुष्प्रभाव समाप्त किये जा सकते हैं।

इस महामृत्युंजय मंत्र के 33 अक्षर हैं। महर्षि वशिष्ठ के अनुसार ये 33 अक्षर 33 देवताओं के प्रतीक हैं जिनमें 8 वसु, 11 रुद्र, 12 आदित्यठ, 1 प्रजापति एवं 1 षटकार हैं। इसका पाठ करने वाले को दीर्घायु के साथ-साथ निरोगी एवं समृद्ध जीवन प्राप्त होता है।

- इसलिए शिव ने दिया था माता पार्वती को श्राफ

इस मन्त्र के जाप से आप जल्दी बन सकते है धनवान


हर व्यक्ति की चाह होती है कि वह खूब धनवान बन जाएं, कभी भी जरूरत के समय आपको धन की कमी का सामना नहीं करना पड़े। आपकी यह चाहत पूरी हो सकती है लेकिन इसके लिए आपको शास्त्रों में बताए गए धन वृद्घि करने वाले सिद्घ मंत्रों और सूक्तों का पाठ करना होगा। इससे आप जो भी काम कर रहे हैं उनमें उन्नति होगी और धन आगमन में आने वाली बाधाएं दूर होगी।
- गणेश जी मिटायेंगे घर के वास्तु दोष, करें ये उपाय
ॐ श्री ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:। यह भगवान के खंचाजी यानी कोषाध्यक्ष कुबेर से 16 अक्षरों वाला सिद्घ मंत्र है। नियमित इसके जप से अचानक धन का लाभ मिलता रहता है।
देवी लक्ष्मी धन की देवी है और जिस घर पर लक्ष्मी की कृपा होती है उस घर में सदा धन दौलत की वृद्घि होती रहती है। शास्त्रों में बताया गया है कि जहां नियमित देवी लक्ष्मी के सूक्त 'श्री सूक्त' का पाठ किया जाता है वहां देवी लक्ष्मी का वास रहता है। जो श्री सूक्त का सुबह शाम पाठ करता है उसे कभी धन की कमी नहीं सताती है और न धन की कमी से उसका कोई काम अटकता है।
- चमत्कारिक परिवर्तन के लिए शिवजी को चढ़ाएं रुद्राक्ष

Wednesday, December 14, 2016

जब भगवान् कर रहे थे स्त्री की रचना तब हुआ कुछ बेहद अजीब, पढें ये रोचक कथा

जब भगवान् कर रहे थे स्त्री की रचना तब हुआ कुछ बेहद अजीब, पढें ये रोचक कथा
14 Dec. 2016

Manish Bansal
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इस दुनिया की सबसे अजीब पहेली स्त्री है और ऐसा कहा जाता है कि इसे समझना और सुलझाना बहुत मुश्किल है ! तो आपको जान कर हैरानी होगी कि जब स्त्री की रचना हुई थी तब भगवान् ने बहुत फुरसत से इसकी रचना की थी और इसमें इतना समय लग गया कि "देवदूत भी भगवान् से" सवाल जवाब करने लगे कि आखिर आपको सृष्टि की इस रचना में इतना समय क्यों लग रहा है ? दरअसल भगवान् जब स्त्री की रचना कर रहे थे तब ये क्रिया 6 दिन तक चलती रही पर तब भी यह अधूरी थी ! ऐसे में देवदूत प्रश्न करने के लिए विवश हो ही गए ! आप भी इन दिलचस्प सवालो को पढ़िए और सुनिये आखिर भगवान् ने देवदूत के प्रश्नों के क्या अध्भुत जवाब दिए !

ये भी पढ़ें : क्या आपको यह पता है कि रावण की मृत्यु के बाद सूपर्णखा सीता से मिलने जंगल आई थी, ये हुआ था..!

गुणों से भरपूर ..

सबसे पहला प्रश्न देवदूत ने ये पूछा कि भगवान् आप इस रचना में इतना समय क्यों लगा रहे है ? तो जवाब में भगवान् ने उतर दिया कि क्या तुमने इसके गुण देखे है ! ये मेरी वो रचना है जो हर हालत में डटी रहती है और खुद को संभाले रखती है ! फिर स्थिति चाहे कैसी भी हो ये सबको खुश रखती है ! अपने परिवार और सब बच्चो को एक सा प्यार करती है ! ये न केवल अपना ख्याल खुद रखती है बल्कि बीमार होने के बावजूद भी 18 घंटे काम करने की क्षमता रखती है ! तो हुई न ये गुणों से भरपूर !

स्त्री की प्रबलता ..

देवदूत ये सब सुन कर हैरान रह गए और पूछने लगे कि क्या ये सब केवल अपने दोनों हाथो से इतना कुछ कर सकती है ? भगवान् ने जवाब दिया बिलकुल ! इसलिए तो ये मेरी सबसे अध्भुत रचना कहलाएगी ! ये सब सुन कर ,देवदूत ने पास जाकर भगवान् की बनाई इस रचना को जब हाथ लगाया तो उन्होंने कहा कि प्रभु ये तो बहुत नाज़ुक है तो भगवान् ने हंस कर कहा कि हा ये बाहर से नाज़ुक जरूर है पर अंदर से उतनी ही मज़बूत है ! अर्थात ये कोमल है पर कमज़ोर नहीं !

सोचने की क्षमता ..

देवदूत इस रचना को लेकर काफी उत्साहित थे तो वो उत्साहित होकर ये पूछ बैठे कि प्रभु क्या ये सोच भी सकती है ? तो प्रभु ने कहा ये न केवल सोच सकती है बल्कि हर समस्या का मुकाबला करने की क्षमता भी रखती है ! इसके बाद देवदूत ने जो किया उसे पढ़ कर आप भी भावुक होने पर मज़बूर हो जायेगे !

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आंसुओ की व्यथा ..

दरअसल देवदूत ने जब पास जाकर स्त्री के गालों को हाथ लगाया तब उन्हें कुछ पानी जैसा प्रतीत हुआ तो उन्होंने पूछा कि "हे भगवान्" ये इसके गालों पर पानी जैसा क्या है ? भगवान् ने कहा ये आंसू है ! तब देवदूत ने बहुत ही हैरान होकर "पूछा आंसू " पर वो किसलिए ? अब जरा इस पर भगवान् ने क्या कहा वो भी सुन लीजिये ! भगवान् ने कहा कि जब भी कभी ये कमज़ोर पड़ने लगे तब ये अपनी सारी पीड़ा आंसुओ के साथ बहा देती है और फिर से मजबूत बन जाती है ! अर्थात अपने दुखो को भुलाने का इसके पास ये सबसे बेहतर तरीका है ! भगवान् ने कहा कि यही इसकी ताकत है ! देवदूत ने ये सब सुन कर कहा कि भगवान् आप तो महान है ! इस रचना को आपने सब कुछ सोच समझ कर बनाया है !

भगवान् ने कहा ये स्त्री रूपी रचना हमेशा अपने परिवार की हिम्मत बनेगी और हर परिस्थिति में निश्छल रह कर ही समझौता करेगी ! वैसे इसके बाद देवदूत ने जब ये कहा कि भगवान् आपकी रचना सम्पूर्ण है तो भगवान् ने जवाब दिया कि नहीं            अभी इसमें एक कमी है और वो ये कि ये अपना ही महत्व भूल जाती है कि ये कितनी खास है और इसमें क्या क्या गुण है !
भगवान् द्वारा बनाई इस रचना की व्यथा को पढ़ने के बाद आप भी समझ गए होंगे कि आखिर एक स्त्री में इतने रूप क्यों पाए जाते है ! फिर चाहे माँ हो या बहन हो या पत्नी उसका हर रूप परिपूर्ण है ! इसलिए आप भी भगवान् की बनाई इस रचना को पहचानिये और इसका सम्मान कीजिये !

Saturday, December 3, 2016

बायको

*बायको*

पहाटेच्या साखरझोपेत असताना 'मलमली तारुण्य माझे तू पहाटे पांघरावे' या गाण्याच्या अाठवणीत धुंद करून निजवणारी..

साडेसातचे दरम्यान मऊशार हात अतिशय प्रेमाने कपाळावर ठेऊन " उठताय ना?" अशी लाडिक हाक मारून उठवणारी...

दात घासून घेईपर्यंत बाल्कनीत कॉफी टेबलवर 'सकाळ' व ' टाइम्स ' रेडी ठेवणारी...

मस्कापाव,आवडती बिस्किटस् कॉफीच्या कपाशेजारी आवर्जुन ठेवणारी...

नवरा  घेत असलेल्या कॉफीच्या स्वादास तिच्या चटकदार गप्पा व खळाळत्या हास्याची साथ देणारी ...

आंघोळीस बाथरूममध्ये रोज टॉवेल इ. न विसरता ठेवणारी....

आंघोळ करून बाहेर आल्यावर छान मॅच होणारे कपडे तयार ठेवणारी....

नवर्‍याचे तयार होणे सुरू असताना अगदी शांतपणे मुलाला तयार करणारी....

नवरा अाॅफिसला बाहेर पडताना मुलाला ' किशी ' करायला  पाठवणारी...

नंतर मुलाची नजर चुकवून नवर्‍याला  गुड बाय Flying किस करून आॅफिसला पाठवणारी...

१२.३० दरम्यान फोन करून टिफिनमध्ये दिलेले टेस्टी सरप्राइज खाण्याची अाठवण करणारी..

४.३० वाजता पुन्हा ' लवकर घरी या ' असा लाडिक हट्ट करणारी...

७ वाजता आॅफिसमधून परत येतोयं तर छानसे नटून नवर्‍याने बेल वाजवायच्या अगोदरच दार उघडणारी...


चेहर्‍यावर छानसे हास्य विलसवणारी...


नवरा फ्रेश होऊन येईपर्यंत टेबलवर रुचकर मेनू तयार ठेवणारी...


जेवण झाल्यावर  रोज लिटिल वॉक अराऊंड ला बाहेर येणारी...


रस्त्याने चालताना कळत नकळत हळुवार स्पर्श होतील...मधूनच हात धरला जाईल हे पहाणारी......



मॉल मधे चिअरफुली शॉपिंग करताना बजेट डोक्यात ठेवणारी...




घरी परतताच 'तुम्ही आता जरा टी व्ही बघा, मी मुलाचा होम वर्क घेते ' असं म्हणणारी...
.

.

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अतिशय प्रेमाने न रागवता न वैतागता मुलाचा होम वर्क घेणारी......

कधी कोणतीही कट कट न करणारी..


नवर्‍याला एकही प्रश्न ऊलट न विचारणारी...


सासू सासऱ्यांवर आई वडिलांसारखे प्रेम करणारी...



सगळ्या नातेवाईकांस आपलेसे करून टाकणारी....



अशी सर्वगुणसंपन्न सौंदर्यवती स्री

















*कुणाची बायको आहे का हो.....अशी ?....*

😜😝😛
असेल तर अभिनंदन💐

Thursday, December 1, 2016

लहसुन के फायदे

"लहसुन" को तकिये के नीचे रखने से होता है ये कमाल, जानिए...
Rochak News 1 Dec. 2016 18:20

नई दिल्ली।जरा सी बीमार पड़ने पर भी कई लोग डॉक्टर के पास जाते हैं। कुछ बीमारियों के लिए तो लंबा इलाज़ भी चलता है और बार-बार अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं। लेकिन पुराने समय में ऐसा नहीं होता था।
लोग घरेलू उपचारों से ही सबकुछ ठीक कर लेते थे। आज भी हम लोग दादी-नानी के नुस्खों के बारे में सुनते तो हैं पर हमें इनकी सही-सही जानकारी नहीं होती है। हमारे घर की रसोई में ही कई चमत्कारिक मसाले उपलब्ध होते हैं जिनके लाभ के बारे में हम जानते ही नही हैं। सर्दियों का मौसम आ गया है। इसके साथ कई बीमारियां भी दस्तक दें रही है। इसलिए हम आपको एक ऐसे घरेलू मसाले के बारे में बताएंगे जो सर्दी में आपके बहुत काम आएगा। आइये देखते हैं क्या है इस मसाले की खासियत।
हम भारतीय रसोइयों में सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाले मसाले लहसुन की बात कर रहे हैं। लहसुन का हर हिस्सा स्वास्थ्य के लिए रामबाण की तरह होता है। इसी वजह से इसे बहुत महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी और औषधि भी माना जाता है।

सामान्य बीमारियों में है असरकारक
लहसुन कई सामान्य बीमारियों जैसे कि फ्लू और सर्दी में बहुत उपयोगी होता है। बच्चों को सर्दी के दौरान लहसुन की माला भी पहनाई जाती है। इसे कई अन्य घरेलू खाद्य सामग्री जैसे कि शहद आदि के साथ मिलाकर सर्दी के दौरान इसका सेवन करते हैं।
खाली पेट करे कमाल
लहसुन को खाली पेट खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। इसे खाली पेट खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और भूख भी बढ़ती है। साथ ही जिन्हें ट्यूबरक्युलोसिस (TB) की समस्या हो उन्हें भी खाली पेट लहसुन खाने से बहुत लाभ मिलता है। इससे एसिडिटी और डायरिया से भी राहत मिलती है।

दिल को संभालें
लहसुन के प्रयोग से उक्त रक्तचाप की समस्या से भी समाधान मिलता है। इसमें मौजूद एलीसिन तत्व रक्तचाप को कम करता है। साथ ही अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का समाधान भी करता है। यह लीवर और ब्लैडर के निर्बाद्ध संचालन में भी सहायता करता है।
जिएंगे ज्यादा
लहसुन में चमत्कारिक एंटीबायोटिक्स होते हैं जिनसे आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही यह ह्रदय और लीवर जैसे अन्य महत्वपूर्ण अंगों को भी स्वास्थ्य रखता है। जिससे आपके लंबे समय तक जीने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

बचाता है अल्ज़ाइमर से
दांतों को भी चमकाए
लहसुन खाने से आपके दांतों में लगने वाले कीड़ों से आपको निजात मिलेगी और सड़न की दिक्कत भी खत्म होगी।

दमा में भी फायदा
अगर रोज अपने खाने में लहसुन का इस्तेमाल करेंगे तो दमे की बीमारी से आपको निजात मिलेगी।
तकिए के नीचे रखकर सोएं
अगर आपको रात में नींद अच्छी नहीं आती, तो आप लहसुन को तकिए के नीचे रख सकते हैं। इससे आपको बुरे सपने भी नहीं आएंगे और आप हमेशा positive ही रहेंगे।

Wednesday, November 30, 2016

कैंसर वर उपाय

🍋🍋🍋 लिंबाचे 🍋🍋🍋🙏

🌹अतिथंड केलेल्या लिंबाचे आश्चर्यकारक परिणाम🌹

👉स्वच्छ धुतलेले लिंबु फ्रिजच्या फ्रिजर मध्ये ठेवा..
ते लिंबु पुर्णपणे थंड आणि बर्फासारखे कडल झाल्यावर, साधारणत: 8 ते 10 तासानी, एक किसनी घेउन ते सर्व लिंबु साली सकट किसुन घ्या.. नंतर तुम्ही जे काही खाल त्यावर ते किसलेले लिंबु टाकुन खा..

👉भाज्यांवर, सॅलड वर, आईसक्रीम, सुप, डाळी,  नुडल्स, स्पेगेटी, पास्ता, पिझ्झा, साॅस, भात, सुशी, मासे, मट्ण, या आणि अश्या अनेक पदार्थांवर टाकुन खाता येईन..

🌹सर्व अन्नाला एक अनपेक्षीत अशी छान चव येईल..
सगळ्यात महत्वाचे, आपल्याला फक्त लिंबाच्या रसातील व्हिटॅमिन सी चे गुणधर्म फक्त माहिती आहेत.. त्यापेक्षा अधिक गुणधर्म माहिती नाहीत..

👉साली सह संपुर्ण गोठलेले लिंबु कोणताही भाग वाया न जाता वापरल्यास एक वेगळी चव तर मिळतेच, परंतु त्याचे अजुन काय फायदे आहेत??

🌹लिंबाच्या सालीत लिंबाच्या रसापेक्षा 5 ते 10 पट जास्त व्हिटॅमिन सी असते.. आणि हाच भाग आपण वाया घालवतो..

🌹लिंबाची साल आरोग्य वर्धक आहे कारण त्यामुळे शरिरातील सर्व विषद्रव्ये शरिराबाहेर काढुन टाकायला मदत होते..

👉लिंबाच्या सालीचा एक आश्चर्य कारक फायदा म्हणजे त्याच्यामध्ये असलेली एक चमत्कारीक अशी क्षमता की ज्यामुळे शरिरातील सर्व कॅन्सरच्या पेशींचा नाश होतो.. केमोथेरपी पेक्षा ही लिंबाची साल 10,000 पट जास्त प्रभावी आहे..

🌹मग आपल्याला हे सर्व का माहिती नाही??

👉कारण आज जगात अश्या प्रयोगशाळा आहेत की ज्या त्याचे कृत्रिम पद्धतीने निर्मीती करण्यात गुंतल्या आहेत कारण त्यापासुन त्याना भरपुर नफा मिळतो..

👉तुम्ही आता गरजूना सांगु शकता की कॅन्सर सारखा असाध्य आजार दुर ठेवण्यासाठी किंवा झाल्यास बरा करण्यासाठी लिंबाचा रस आणि साल किती फायदेशीर आहे.. त्याची चव पण खुप छान असते आणि केमोथेरपी प्रमाणे त्याचे भयानक साईड इफेक्ट पण नाही आहेत..

👉विचार करा, हा अतिशय साधा, सोपा, परंतु अत्यंत प्रभावी असा उपाय माहिती नसल्याने आज पर्यंत किती लोकाना आपले आयुष्य गमवावे लागले असेल आणि इथुन पुढे आपण किती लोकांचे प्राण वाचवू शकतो???

👉लिंबाच्या वनस्पतीत सर्व प्रकारचे कॅन्सर बरे करण्याची एक चमत्कारीक अशी क्षमता आहे.. याचा वापर बॅक्टेरीअल इन्फेक्षन आणि फंगस वर सुद्धा होउ शकतो.. शरिराअंतर्गत परोपजीवी आणि विषाणु वरही प्रभावी आहे..

👉लिंबाचा रस आणि विशेषत: साल रक्तदाब आणि मानसिक दबाव नियमीत करते.. मानसिक ताण आणि मज्जासंस्थेचे आजार नियंत्रीत करते..
या माहितीचा स्त्रोत अतिशय थक्क करणारा आहे :

👉जगातल्या सगळ्यात मोठ्या औषध निर्मिती कंपनी पैकी एक असलेल्या कंपनीने हे प्रसिद्ध केले आहे.. ते म्हणतात की 1970 पासुन 20 पेक्षा जास्त प्रयोगशाळानमध्ये संशोधन केल्यानंतर असे निदर्शनात आले आहे की, लिंबाची साल 12 पेक्षा जास्त कॅन्सरच्या घातक पेशी नष्ट करतात..

👉लिंबाच्या झाडाचे औषधी गुणधर्म कॅन्सरवरील ड्रामायसीन या केमेथेरपीसाठी सामान्यपणे वापरल्या जाणा-या औषधापेक्षा 10,000 पट जास्त प्रभावी ठरले आहे.. लिंबाची साल कॅन्सरच्या पेशींची वाढ मंदावते..

👉आणि अधिक आश्चर्याची गोष्ट म्हणजे या लिंबाच्या औषधामुळेच फक्त कॅन्सरच्याच पेशींचा नाश होतो, त्याचा निरोगी पेशिंवर कोणताही विपरीत परिणाम होत नाही..

म्हणुन चांगल्या पिकलेल्या लिंबाना स्वच्छ धुवा, त्याना गोठवा आणि किसनी वर किसुन रोजच्या आहारात वापरा..
तुमचे संपुर्ण शरिर त्याबद्दल तुम्हाला धन्यवाद देईल..

       -डॉ. विकास बाबा आमटे
                 आनंदवन
🍋🍋🍋🍋🍋🍋🍋🍋🍋 Please forward to as many as possible

Wednesday, November 23, 2016

लकवा

http://sharechat.co/post/A9P7m
लकवा   (पॅरालिसीस)
       नागरमुन्नोळी
🙏🙏🍇🍏🍎🍓🍈🍒🍊🍐🍍🍅☕🍶🍴🍽
मिरज पासुन ७० कि.मी चिक्कोडी पासुन १० किमी.

" नागरमुनोळ्ळी  ता.चिक्कोडी जि.बेळगाव."

चिक्कोडी  पासून
१० कि.मी.नागरमुन्नोळी म्हणून गाव आहे,
त्या गावा मध्ये
श्री डाॅ.पांडुरंग कुंभार म्हणून आयर्वेदिक डाॅक्टरआहेत,
ते फक्त लकव्या/ पॅरालिसीस वरच औषध देतात,
लकवा कितीही पण जूना व गंभीर असू द्या, तो १००% बरा होणारच.  पेशंटचे केस पेपर्सचे
फक्त ५०/- रुपये घेतले जातात व ईजेक्शनचे २०० रूपये. महिन्यात फक्त ५ वेळा विझीट द्यावी लागते पन पेशंट १००% कव्हरच होतो मित्राच्या वडिलांचा अनुभव आहे मित्राने आत्ता पर्यत ३०-३५ पेशंट पाठवले जे गेले  अॅब्युलन्स मध्ये पण आले चालत...    ते सर्व आता चालतात फिरतात... नाॅरमल आहेत .
आपल्याकडून जर कोणाचा जीव वाचत असेल,तर या पेक्षा दुसरी कुठली सेवा असेल.
धन्यवाद.

कसे जाणार?
मार्ग-: १
मिरज- चिक्कोडी- नागरमुन्नोळी

कोल्हापुर -कागल- चिक्कोडी नागरमुन्नोळी

टीप:- चिक्कोडी वरून गोकाक जानारी बस पकडणे

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VPS Kolhapur
Mob:-9021237236
          8421755550
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बाकी जोक इत्यादी सर्व आपण शेअर करताच।
   तसेच थोडा वेळ काढून ही माहिती ही सर्वांना पाठवून एखाद्याचे प्राण वाचवा.
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Tuesday, November 22, 2016

कणा मराठी कविता

ओळखलत का सर मला?’ पावसात आला कोणी,
कपडे होते कर्दमलेले, केसांवरती पाणी.

क्षणभर बसला नंतर हसला बोलला वरती पाहून,
‘गंगामाई पाहुणी आली, गेली घरट्यात राहुन’.

माहेरवाशिणीसारखी चार भिंतीत नाचली,
मोकळ्या हाती जाईल कशी, बायको मात्र वाचली.

भिंत खचली, चूल विझली, होते नव्हते नेले,
प्रसाद म्हणून पापण्यांवरती पाणी थोडे ठेवले.

कारभारणीला घेउन संगे सर आता लढतो आहे
पडकी भिंत बांधतो आहे, चिखलगाळ काढतो आहे.

खिशाकडे हात जाताच हसत हसत उठला
‘पैसे नकोत सर’, जरा एकटेपणा वाटला.

मोडून पडला संसार तरी मोडला नाही कणा,
पाठीवरती हात ठेउन, तुम्ही फक्‍त लढ म्हणा!

Tuesday, October 4, 2016

मुहर्रम क्या है?

मुहर्रम क्या है?

हम देखते है की हर साल, मुहर्रम के मौके पर कुछ लोग “या हुसैन” के नारे लगते हुए, रोते हुए, अपने सीनो को पिटते हुए बहार निकलते है:-क्या आपने कभी सोचा की यह लोग कौन है?- यह लोग ऐसा क्यों कर रहे है?- यह मुहर्रम क्या है?- क्या मेरी ज़िन्दगी से इसका कुछ लेना देना है?मुहर्रम इस्लामी साल का पहला महिना है जो चाँद के हिसाब से चलता है जिसे हिजरी साल भी कहा जाता है. सन 61 के मुहर्रम महीने में, जो आज से तक़रीबन 1400 साल पहले गुज़रा, नबी मुहम्मद (स) के नवासे, इमाम हुसैन (अ) को उनके 72 साथियों केसाथ बेदर्दी से कर्बला, इराक़ के बियाबान में ज़ालिम यज़ीदी फ़ौज ने शहीद कर दिया था.यजीद एक ज़ालिम बादशाह था जो समाज में मज़हब के नाम पर बुरी बाते लाना चाहता था जिससे की समाजी ज़िन्दगी की मजबूती टूट जाए और इंसानियत पारा पारा हो जाए. अपने ऐशो आराम और नाजायज़ ख्वाहिशात को पूरा करने के लिए पुरे समाज को अपनी बली चडाने के लिए तैयार यज़ीद के खिलाफ कोईखड़े होने की हिम्मत नहीं कर रहा था और ऐसे में इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ उठ खड़े हुए और यजीद को अपने नाजायज़ मकासिद में कामियाब नहीं होने दिया.यजीदी फौजों ने इमाम हुसैन (अ) के छोटे से कारवान को जिसमे बूढ़े, औरते और बच्चे भी शामिल थे, कर्बला के बियाबान में घेर लिया और उन पर पानी बंद कर दिया. यजीद की बस एक ही शर्त थी;मज़हब के नाम पर उसकी नाजायज़ ख्वाहिशात के सामने अपना सर झुका दो नहीं तो शहादत के लिए तैयार हो जाओ.इमाम हुसैन (अ) के साथियों ने इमाम का ऐसे वक़्त में मजबूती से साथ दिया और यजीदी फौजों के सामने डट कर खड़े हो गए, यहाँ तक के शहादत को गले लगा लिया. ज़ालिम यज़ीदी फ़ौज ने सिर्फ उम्र में बड़े लोगो को ही नहीं शहीद किया, बल्कि छे महीने के छोटे अली असगर को भी अपने बाप की गोद में तीरके वार से शहीद कर दिया. जंग के खात्मे के बाद यज़ीदी फ़ौज ने औरतो और बच्चो को कैदी बना कर यजीद के पास शाम भेज दिया, जहाँ उन्हें कैद खानेमें सख्तियाँ झेलनी पड़ी और बहोत दिनों बाद वहां से आज़ादी मिली.हर साल 10 मुहर्रम को इसी इमाम हुसैन (अ) के इंकेलाबी कारवान की याद में मुहर्रम बरपा किया जाता है, जिसे आशुरा भी कहते है.इस रोज़ मुसलमान मस्जिदों और इमामबाड़ो में जमा हो कर इमाम हुसैन (अ) की मजलिस करते है, उनकी याद में जुलूस निकालते है, उनका अलम उठाते है (जैसा उन्होंने कर्बला के मैंदान में हक़ का झंडा उठाया था) और मातम करके अपने ग़म को ज़ाहिर करते है और ये बताते है की अगर हम कर्बला के मैदान में होते तो ज़रूर इमाम हुसैन (अ) का साथ देते और समाज को खराब होने से बचाने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे देते.जो कारवान इमाम हुसैन (अ) ने 1400 साल पहले शुरू किया था वह आज भी जारी है. हर साल, आज़ादी के दिल दादा और हक पर चलने वाले अफराद अपनी कसमो कोदोहराते है और अपने अन्दर की और समाज की हर बुराई के खिलाफ लड़ने की कसम खाते है.जब कभी हम दुनिया में भ्रष्टाचार और ज़ुल्म देखे और अपने आप को अकेला महसूस करे तो कर्बला के पैग़ाम को याद करे जो हमे याद दिलाता है की अगर ज़ुल्म के खिलाफ मुकाबले में अकेले हो या तादाद में कम हो तो थक कर घर में ना बैठ जाओ. सच्चाई की राह में अगर क़दम आगे बढाओगे तो याद रखो की जीत हमेशा सच्चाई की ही होगी; फिर चाहे उस सच्चाई के लिए हमें अपनी जान क्यों ना देनी पड़े.आज भी इतिहास गवाह है कि ज़ालिम यजीद का नाम मिट गया और नामे इमाम हुसैन (अ) आज तक जिंदा है और हमेशा ज़िंदा रहेगा. और जो पैग़ाम अपने क़याम से उन्होंने दिया था वो हमेशा हमेशा बाकी रहेगा. इमाम हुसैन (अ) और मुहर्रम का पैग़ाम सारी इंसानियत के लिए है और इसी रास्ते पर चलते हुए हम दुनिया को रहने के लिए एक अच्छी जगह बनाने में कामियाब हो सकते है.