Saturday, September 17, 2016

चिकनगुनिया बुखार हो तो करें ये घरेलू उपाय, मिलेगा जल्दी फायदा

चिकनगुनिया एक तरह का वायरल बुखार है जो कि मच्छरों के कारण फैलता है। चिकनगुनिया अल्फावायरस के कारण होता है जो मच्छरों के काटने के दौरान मनुष्यों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
चिकनगुनिया में जोड़ों में दर्द, सिर दर्द, उल्टी और जी मिचलाने के लक्षण उभर सकते हैं जबकि कुछ लोगों में मसूड़ों और नाक से खून भी आ जाता है। मच्छर काटने के लगभग बारह दिन में चिकनगुनिया के लक्षण उभरते हैं। चिकनगुनिया के उपचार के लिए बहुत से घरेलू नुस्खे हैं जिन्हें अपनाकर चिकनगुनिया से खुद को बचाया जा सकता है।

1. पपीते की पत्ती

पपीते की पत्ती न केवल डेंगू बल्कि चिकुनगुनिया में भी उतनी ही प्रभावी है। बुखार में शरीर के प्लेटलेट्स तेजी से गिरते हैं, जिन्हें पपीते की पत्तियां तेजी से बढ़ाती हैं। मात्र तीन घंटे में पपीते की पत्तियां शरीर में रक्त के प्लेटलेट्स को बढ़ा देती हैं। उपचार के लिए पपीते की पत्तियों से डंठल को अलग करें और केवल पत्ती को पीसकर उसका जूस निकाल लें। दो चम्मच जूस दिन में तीन बार लें।

2. तुलसी और अजवायन

तुलसी और अजवायन भी चिकुनगुनिया के उपचार के लिए बेहद अच्छी घरेलू औषधि हैं। उपचार के लिए अजवायन, किशमिश, तुलसी और नीम की सूखी पत्तियां लेकर एक गिलास पानी में उबाल लें। इस पेय को बिना छानें दिन में तीन बार पीएं।

3. लहसुन और सजवायन की फली

लहसुन और अजवायन की फली चिकनगुनिया के इलाज के लिए बहुत बढिय़ा है। चिकुनगुनिया में जोड़ों में काफी दर्द होता है, ऐसे में शरीर की मालिश किया जाना बेहद जरूरी है। इसके लिए किसी भी तेल में लहसुन और अजवायन की फली मिलाकर तेल गरम करें और इस तेल से रोगी की मालिश करें।

4. लौंग

दर्द वाले जोड़ों पर लहसुन को पीसकर उसमें लौंग का तेल मिलाकर, कपड़े की सहायता से जोड़ों पर बांध दें। इससे भी चिकुनगुनिया के मरीजों को जोड़ों के दर्द से आराम मिलेगा, और शरीर का तापमान भी नियंत्रित होगा।

5. एप्सम साल्ट

एप्सम साल्ट की कुछ मात्रा गरम पानी में डालकर उस पानी से नहाएं। इस पानी में नीम की पत्तियां भी मिलाएं। ऐसा करने से भी दर्द से राहत मिलेगी और तापमान नियंत्रित होगा।

6. अंगूर

अंगूर को गाय के गुनगुने दूध के साथ लेने पर चिकनगुनिया के वायरस मरते हैं लेकिन ध्यान रहे अंगूर बीज रहित हों।

7. गाजर

कच्ची गाजर खाना भी चिकुनगुनिया के उपचार में बेहद फायदेमंद है। यह रोगी की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है साथ ही जोड़ों के दर्द से भी राहत देती है।

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