Monday, December 3, 2018

कैंसर - बीमारी नहीं बिजनेस

*( कैंसर - बीमारी नहीं बिजनेस )*

*☝जानें चौंकाने वाला सच कैंसर के बारे में :- एक बार अवश्य पूरा पढे **⬇****  और पॉस्ट करे...                          *✍मांगीलाल .ओसवाल. Chandan*

भले ही आपको इस बात पर यकीन न हो रहा हो...

लेकिन,
यह पूरी जानकारी पढ़ने के बाद -

आप भी यही कहेंगे कि -

*कैंसर कोई बीमारी नहीं...*
*बल्कि,*
*चिकित्सा जगत में पैसा कमाने का साधन मात्र है।*
पिछले कुछ सालों में -
कैंसर को एक तेजी से बढ़ती बीमारी के रूप में प्रचारित किया गया।

जिसके -ईलाज के लिए -
कीमोथैरेपी, सर्जरी या और उपायों को अपनाया जाता है,
जो महंगे होने के साथ-साथ...

मरीज के लिए उतने ही खतरनाक भी होते हैं।

*लेकिन,*
*अगर हम कहें कि -*
*कैंसर जैसी कोई बीमारी है ही नहीं तो ?*

जी हां...

*यह बात बिल्कुल सच है कि -*
*कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को स्वास्थ्य जगत में -*
*कैंसर का नाम दिया गया है...*
*और,*
*इससे अच्छी खासी कमाई भी की जाती है।*

लेकिन,
इस विषय पर लिखी गई एक किताब -

*वर्ल्ड विदाउट कैंसर*

जो कि कैंसर से बचाव के हर पहलू को इंगित करती है...
और,
अब तक विश्व की कई भाषाओं में ट्रांसलेट की जा चुकी है !

*इस किताब का दावा है कि -*
*कैंसर कोई बीमारी नहीं...*
*बल्कि,*
शरीर में विटामिन *बी17* की कमी होना है।

*आपको यह बात जरूर जान लेना चाहिए कि -*
*कैंसर नाम की कोई बीमारी है ही नहीं...*

*बल्कि,*
*यह शरीर में विटामिन बी17 की कमी से ज्यादा कुछ भी नहीं है।*

*इस कमी को ही कैंसर का नाम देकर...*
*चिकित्सा के क्षेत्र में एक व्यवसाय के रूप में स्थापित कर लिया गया है।*
*जिसका फायदा मरीज को कम...*
*और,*
*चिकित्सकों को अधिक होता है।*

*चूंकि,*
*कैंसर मात्र शरीर में किसी विटामिन की कमी है...*
*तो -*
*इसकी पूर्ति करके इसे कम किया जा सकता है...*
*और,*
*इससे बचा जा सकता है।*

यह उसी तरह का मसला है -
जैसे सालों पहले 'स्कर्वी' रोग से कई लोगों की मौते होती थी...

लेकिन,
बाद में खोज में यह सामने आया कि -
यह कोई रोग नहीं...
बल्कि,
विटामिन सी की कमी या अपर्याप्तता थी।

*कैंसर को लेकर भी कुछ ऐसा ही है।*

*विटामिन बी 17 की कमी को कैंसर का नाम दिया गया है..*
*लेकिन,*
*इससे डरने या मानसिक संतुलन खोने की जरूरत नहीं है।*
बल्कि,
आपको इसकी स्थिति को समझना होगा...
और,
*उसके अनुसार -*
इसके वैकल्पिक उपायों को अपनाना होगा।

इस कमी को पूरा करने के लिए-
*फ्रूट स्टोन, खूबानी, सेब, पीच, नाशपाती, फलियां, अंकुरित दाल व अनाज, मसूर के साथ ही बादाम विटामिन बी 17 का बेहतरीन स्त्रोत है।*

इनके अलावा -
*स्ट्रॉबेरी, ब्लू बेरी, ब्लैक बेरी, कपास व अलसी के बीच, जौ का दलिया, ओट्स, ब्राउन राइस, धान, कद्दू, ज्वार, अंकुरित गेहूं, ज्वारे, कुट्टू, जई, बाजरा, काजू, चिकनाई वाले सूखे मेवे आदि विटामिन बी17 के अच्छे स्त्रोत हैं।*

इन्हें अपनी रोज की डाइट में शामिल करके...

*आप कैंसर से यानि इस विटामिन की कमी से होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।*

रोज 45 मिनिट योगा करे।

खासकर कपालभाति।

कपालभाति से शरीर के किसी भी हिस्से में हुए गठान या कैंसर को खत्म किया  जा सकता है।

*- डॉ. निर्मला डांगी* (रतलाम - मध्यप्रदेश)

👆👌   *कृप्या पूरा पढे और सावधानी बरते , सावधान हो जाए....⁉❗⬆ सभी समुहों में Groups में पोस्ट करे जनता को जाग्रित करे , अभियान लाए , क्रांति लाये*
*🙏🙏

Monday, August 20, 2018

सुंदरकाण्ड चौपाई

कोई भी कार्य करने से पूर्व बोलें 'सुंदरकाण्ड' की ये चौपाई, अवश्य मिलेगी सफलता



कई दफा लोग किसी कार्य को पूरी मेहनत तथा लगन के साथ करते हैं किन्तु वो कार्य बनते-बनते बिगड़ जाती है. यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा ही होता है तो केवल एक चौपाई के जाप से आपका कार्य बन सकता हैं. ये चौपाई सुंदरकाण्ड में मौजूद है.

चौपाई

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥ 

गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥

भावार्थ - किसी भी कार्य को करने से पूर्व प्रभु श्रीराम जी का स्मरण करने से सफलता प्राप्त होगी. जो भी ऐसा करता है उसके लिए विष भी अमृत बन जाता है, शत्रु मित्र बन जाते हैं, समुद्र गाय के खुर के जैसा हो जाता है, अग्नि में शीतलता उत्पन्न हो जाती है.

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क्या है मान्यता?

- ऐसी मान्यता है कि जब हनुमानजी लंका में माता सीता का पता लगाने हेतु गए थे, तब इनके मन में इस कार्य के सफल होने को लेकर शंका पैदा हुई थी. तो उन्होने श्रीराम जी का ध्यान करके लंका में प्रवेश किया, तथा अपने कार्य में सफल हुए.

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- अतः यह माना जाता है कि किसी भी कार्य को करने से पूर्व अथवा इंटरव्यू आदि से पूर्व इस चौपाई को बोलने तथा श्रीराम का स्मरण करने से हर कार्य बन जाते हैं.

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- रामचरितमानस की रचना तुलसीदास के द्वारा महार्षि वाल्मिकी की रामायण को आधार बनाकर की गई है. सुंदरकांड रामचरितमानस का ही पांचवा सोपान है. इसमें हनुमान जी के गुणों तथा यश के संबंध में बताया गया है.

Wednesday, July 11, 2018

दाद, खाज, खुजली की सबसे बड़ी दुश्मन है यह चीज, लगाते ही हो जाएगी जड़ से खत्म

दाद, खाज, खुजली की सबसे बड़ी दुश्मन है यह चीज, लगाते ही हो जाएगी जड़ से खत्म

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दोस्तों गर्मियों के दिनों में बहुत ज्यादा पसीना आता है और हमारे शरीर के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। जिस कारण हमें खुजली की समस्या हो जाती है। किसी-किसी लोगों को तो दाद भी हो जाता है जिस में बहुत जलन पड़ती है और यदि इसका इलाज सही समय पर ना किया जाए तो दाद और खुजली फैलते ही जाते हैं और ये एक बड़ी समस्या बन जाती है।

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आज हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बता रहे हैं जिसे लगाने से आपकी दाद और खुजली की समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी और आपकी त्वचा एकदम स्वस्थ रहेगी। आइए जानते हैं उस उपाय के बारे में।

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20 ग्राम अजवायन लेकर 100 ग्राम पानी में उबालें, फिर शरीर के जिस अंग पर खुजली हो रही है वहां पर यह पानी डालें और इसके अतिरिक्त गुनगुने पानी में अजवाइन को पीसकर खुजली के स्थान पर लगा सकते हैं। इससे आपकी खुजली हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।

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जिन लोगों को गर्मियों में रैशेस हो जाते हैं वे लोग इस पर एलोवेरा जेल लगाएं। एलोवेरा से त्वचा को बहुत ठंडक मिलती है और रैशेस भी दूर हो जाते हैं।

केला खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक रहता है। यदि आप केले को नींबू के रस में मिलाकर खुजली वाली जगह पर लगाते हैं तो इससे खुजली तुरंत ही ठीक हो जाती है।

दोस्तों यदि आपको हमारी यह खबर अच्छी लगी हो तो लाइक करें और रोजाना ऐसी खबरों के लिए हमारे चैनल को फॉलो करना ना भूलें।

Tuesday, June 5, 2018

कैंसर का सबसे सस्ता इलाज, 2 रुपए की ये चीज जड़ से खत्म कर देगी कैंसर

वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला कैंसर का सबसे सस्ता इलाज, 2 रुपए की ये चीज जड़ से खत्म कर देगी कैंसर

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New Delhi: कैंसर के मरीजों के लिए एक बड़ी राहत वाली खबर आई है। दुनियाभर के वैज्ञानिक जिस बीमारी के लिए सालों से इलाज ढूंढ रहे थे उसका आखिरकार तोड़ मिल चुका है।

अब तक दुनियाभर में कैंसर के इलाज के लिए अरबों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए हैं, लेकिन कोई भी दवा पूरी तरह से कैंसर को जड़ से खत्म करने में नाकाम साबित हुई है। अब तक बाजार में जो दवाएं मौजूद हैं, वो सिर्फ कैंसर को बढ़ने से रोक देती हैं।

अमेरिका के लडविंग इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च में अमेरिकी वैज्ञानिकों के दल ने हाल ही में कुछ नए शोध किए। इस टीम की अगुवाई मशहूर कैंसर वैज्ञानिक और जॉन हॉप्किंग यूनिवर्सिटी के ऑनकोलॉजिस्ट (कैंसर विशेषज्ञ) डॉ. ची वान डैंग ने की। उन्होंने कहा कि हम सालों तक रिसर्च कर चुके हैं और अब तक कैंसर के जो भी इलाज मौजूद हैं वो काफी महंगे हैं। हमने जो शोध किया उसमें चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। आपके किचन में रखा बेकिंग सोड़ा कैंसर के लिए रामबाण औषधि है।

डॉ. डैंग के मुताबिक, हमने बेकिंग सोडा पर लंबी रिसर्च की और जो परिणाम हमने अब तक सिर्फ सुने थे वो प्रमाणित हो गए। उन्होंने बताया कि यदि कैंसर का मरीज बेकिंग सोडा पानी के साथ मिलाकर पी ले तो कुछ ही दिनों में इसका असर दिखने लगेगा। उन्होंने बताया कि कीमोथेरेपी और महंगी दवाओं से भी तेजी से बेकिंग सोडा ट्यूमर सेल्स को न सिर्फ बढ़ने से रोकता है, बल्कि उसे खत्म भी कर देता है।

डॉ. डैंग ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि हमारे शरीर में हर सेकेंड लाखों सेल्स खत्म होते हैं और नए सेल्स उनकी जगह ले लेते हैं। लेकिन कई बार नए सेल्स के अंदर खून का संचार रुक जाता है और ऐसे ही सेल्स एकसाथ इकट्ठा हो जाते हैं, जो धीरे-धीरे बढ़ता है। इसी को ट्यूमर कहा जाता है। उन्होंने बताया कि हमने ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर के ट्यूमर सेल्स पर बेकिंग सोडा के प्रभाव की जांच की और हमने पाया कि बेकिंग सोडा वाला पानी पीने के बाद जिस तेजी से ट्यूमर सेल्स बढ़ रहे तो वो काफी हद तक रुक गए।

उन्होंने बताया, ट्यूमर सेल्स में आक्सिजन पूरी तरह खत्म हो जाती है, तो उसे मेडिकल भाषा में हिपोक्सिया कहते हैं। हिपोक्सिया की वजह से तेजी से उस हिस्से का पीएच लेवल गिरने लगता है और ट्यूमर के ये सेल एसिड बनाने लगते हैं। इस एसिड की वजह से पूरे शरीर में भयंकर दर्द शुरू हो जाता है। अगर इन सेल्स का तुरंत इलाज न किया जाए तो ये कैंसर सेल्स में तब्दील हो जाते हैं। डॉ. डैंग के मुताबिक, बेकिंग सोडा मिला पानी पीने से शरीर का पीएच लेवल भी मेंटेन रहता है और एसिड वाली समस्या न के बराबर होती है। डॉ. डैंग ने बताया कि कई बार कीमोथेरेपी के बावजूद भी ऐसे कैंसर सेल्स शरीर में रह जाते हैं, जो बाद में दोबारा से शरीर में कैंसर सेल्स बनाने लगते हैं। इन्हें T सेल्स कहते हैं। इन टी सेल्स को नाकाम सिर्फ बेकिंग सोडा से ही किया जा सकता है।

डॉ. वॉन डैंग ने कहा कि पहले भी ये बात आप सुन चुके होंगे कि बेकिंग सोडा कैंसर समेत कई बीमारियों का इलाज है। लेकिन अब हम प्रमाणिक तौर पर कह सकते हैं कि कैंसर का सबसे सस्ता और अच्छा इलाज बेकिंग सोडा से मिला पानी है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों पर हमने प्रयोग किए उन्हें दो हफ्तों पर पानी में बेकिंग सोडा मिलाकर दिया और सिर्फ 2 हफ्ते में उन लोगों के ट्यूमर सेल्स लगभग खत्म हो गए।

आप हमारे वीडियो यूट्यूब पर भी देख सकते हैं

Tuesday, March 27, 2018

बार-बार एलर्जी होती है तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

बार-बार एलर्जी होती है तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे
Nari

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बदलते मौसम में एलर्जी की समस्या होना आम है। मगर यह परेशानी जब व्यक्ति को एक बार चपेट में ले तो जल्दी पीछा छोड़ने का नाम नहीं लेती। दवाइयों का सेवन करने के बावजूद भी एलर्जी की समस्या बार-बार होती रहती है। प्रदूषण या खाने में मिलावट के कारण आजकल लोगों में एलर्जी की समस्या बढ़ रही है, जिसमें से स्किन एलर्जी भी एक है। स्किन एलर्जी होने के कारण त्वचा का लाल होना और खुजली जैसी परेशानी हो जाती है, जोकि धीरे-धीरे चर्म रोग का कारण भी बन सकती हैं। ऐसे में कुछ आसान से घरेलू नुस्खे अपनाकर स्किन एलर्जी की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है।
एलर्जी के कारण
मौसम में बदलाव
धूल मिट्टी के कणों के कारण
जानवरों को छूने के कारण
दर्द निवारक दवाओं का सेवन
टैटू का त्वचा पर बुरा प्रभाव
किसी फूड के कारण
ड्राई स्किन से त्वचा में एलर्जी
किसी कीड़े मकोड़े का काटना

एलर्जी के लक्षण
त्वचा पर लाल धब्बे पड़ना
खुजली होना
फुंसी-दाने हो जाना
रैशेज या क्रैक पड़ना
जलन होना
त्वचा में खिंचाव पैदा होना
छाले या पित्त होना
स्किन एलर्जी के घरेलू उपचार
1. एलोवेरा
एलोवेरा जेल और कच्चे आम के पल्प को मिक्स करके त्वचा पर लगाएं। इस लेप को लगाने से स्किन एलर्जी की जलन, खुजली और सूजन से राहत मिलती है।

2. अधिक पानी पीना
स्किन एलर्जी होने पर अपने शरीर को अधिक से अधिक हाइड्रेट रखें। इसके लिए एक दिन में कम से कम 10 ग्लास पानी जरूर पीएं। अधिक पानी का सेवन आपको सनबर्न और फ्लू से बचाएगा।
3. कपूर और नारियल तेल
कपूर को पीसकर उसमें नारियल का तेल मिक्स करें। इसके बाद इसे खुजली वाली जगहें पर लगाएं। दिन में कम से कम 2 बार इस मिक्चर को लगाने से आपकी एलर्जी की समस्या दूर हो जाएगी।

4. फिटकरी
एलर्जी वाली जगहें को फिटकरी के पानी से धोएं। उसके बाद इसपर कपूर और सरसों का तेल मिक्स करके लगाएं। आप चाहें तो इसकी जगहें फिटकरी और नारियल का तेल मिक्स करके भी लगा सकते हैं।
5. नीम
एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर नीम एलर्जी की समस्या को दूर करने का रामबाण इलाज है। इसके लिए नीम के पत्तों को रात के समय पानी में भिगो दें और सुबह इसका पेस्ट बनाकर लगाएं। इससे आपकी स्किन एलर्जी मिनटों में गायब हो जाएगी।

एलर्जी होने पर बरतें ये सावधानियां
1. अपने साबुन को बदलकर किसी एंटीबैक्टीरियल साबुन का इस्तेमाल करें।
2. स्किन एलर्जी होने पर त्वचा में बार-बार खुजली न करें।

3. ज्यादा से ज्यादा खुली हवा में रहें।
4. अगर आपको किसी फूड से एलर्जी है तो उससे दूर रहें।
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Saturday, March 17, 2018

लकवा मारने पर तुरंत करे यह उपाय, पुनः ठीक हो जाएगा मरीज

लकवा मारने पर तुरंत करे यह उपाय, पुनः ठीक हो जाएगा मरीज

दुनिया में कई तरह की बीमारिया है| जिसमे कई तरह के स्ट्रोक भी है| जिससे कई इंसानों की मौत हो चुकी है| आज हम लकवा के अटैक की बात कर रहे है| जिसे हम अंग्रेजी भाषा में पैरालिसिस कहते है| यह अटैक किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकता है| लेकिन इसका ज्यादातर मामला 55 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगो में देखा जाता है|

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जब किसी इंसान के किसी अंग के नसों में ब्लोकेज होता है| मतलब जब उस जगह खून का थक्का जम जाता है तब खून का प्रवाह उस जगह बंद हो जाता है| तब दिमाग उस अंग को कंट्रोल नहीं कर पाता| जिस कारण से मरीज चाह कर भी उस अंग को हिला-दुला नहीं पाता| यहाँ तक की उस अंग में उन्हें कुछ भी महसूस नहीं होता| लेकिन जब किसी इंसान को यह अटैक आता है| तो अस्पताल जाते समय थोड़ा समय लग सकता है| तो उस दौरान रास्ते में इस उपाय को अजमाए|

लकवा मारने पर तुरंत करे यह आसान उपाय
जब किसी को लकवा मारे तो तुरंत उन्हें लहसुन और शहद को मिलाकर खिलाये| इस उपाय से प्रभावित अंग में फिर से रक्त का संचार होने लगेगा| जिससे मरीज कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगा|
ऐसी स्थिति में 100 ग्राम तिल का तेल पिये और 5 से 6 लहसुन की कली चबाकर खाए| इसके अलावा प्रभावित अंग पर तिल के तेल में लहसुन की कुछ कली डालकर पकाकर उस अंग का इस तेल से मालिश करे|

Tuesday, March 6, 2018

ताक पिण्याचे हे 9 प्रकारचे फायद

*🥛ताक पिण्याचे हे 9 प्रकारचे फायदे जाणून घेऊया आणि कोल्ड्रिंक पिणे थांबूया . . .*

१) ताक प्यायल्याने लठ्ठपणा कमी होतो.

२) वारंवार लघवीचा त्रास होत असेल तर ताकात मीठ टाकून प्यावे. त्रास कमी होतो.

३) दह्याचे पाणी अथवा ताकाने गुळण्या केल्यास तोंड येणे बरे होते.

४) ताकात ओवा टाकून प्यायल्यास पोटातील जंतू मरुन जातात.

५) ताकात गुळ टाकून प्यायल्यास लघवी करताना होणारी जळजळ बंद होते.

६) थोडेशी जायफळ पूड ताकात टाकून प्यायल्यास डोकेदुखी कमी होते.

७) रिकाम्या पोटी ताक प्यायल्याने पोटदुखी बरी होते.

८) ताकात साखर आणि काळी मिरी टाकून प्यायल्यास पित्ताचा त्रास कमी होतो.

9) महत्वाचे म्हणजे तीन दिवस ईतर काहीही न खाता ताक पीत राहल्यास आपल्या शरीराचे पंचकर्म आपोआप होते. ज्यांनी ह्या पूर्वी रू 5000 देऊन पंचकर्म केलेल आहे त्यांनी हा प्रयोग करून पहा तेव्हा लक्षात येईलच. तुमची तब्बेत ठीक तर होईलच पण पैसाही वाचेल. असे सहा महीन्यात ऐक वेळ करा, आपनास होनारे भावी मोठे आजार पण टळतील. त्यामुळे होनारा त्रास व औषधी खर्चही वाचेल.
*चला तर मग 🥛 ताक पिण्यास सुरुवात करायला.*
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
*आज पासून  Cold Drinks बंद करूया*
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
Happy  summer  days!!!!!!!!

Sunday, March 4, 2018

350 रोगों को अकेले ही जड़ से मिटाने की ताकत है इस स्पेशल ज्यूस में...

350 रोगों को अकेले ही जड़ से मिटाने की ताकत है इस स्पेशल ज्यूस में...
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फल के ज्यूस की ताकत तो सभी जानते हैं कि लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ज्यूस के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें एक साथ अनगिनत रोगों को एक साथ दूर करने की क्षमता है।  जी हां, गेहूं की पौध को ज्वारा कहते हैं।

इस प्रकृति में कुछ ऐसी भी चीजें मौजूद हैं, जिनके चमत्कारिक प्रभाव के बारे में हम सब नहीं जानते हैं। फल के ज्यूस की ताकत तो सभी जानते हैं कि लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ज्यूस के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें एक साथ अनगिनत रोगों को एक साथ दूर करने की क्षमता है।
जी हां, गेहूं की पौध को ज्वारा कहते हैं। जमीन में गेहूं बोने के बाद 7—8 दिन के बीच जो पौध निकलते हैं उन्हें गेहूं का ज्‍वारा कहा जाता है। इसे अंगेजी में Wheat Grass भी कहते हैं। इसके ज्यूस को संजीवनी बूटी कहा गया है। गेहूं के ज्‍वारे में क्लोरोफिल, आयोडीन, सेलेनियम, आयरन और विटामिन A, B2, C और E की प्रचुर मात्रा पाई जाती है।
मोटापे से छुटकारा
गेहूं के ज्वारे में फाइबर की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। इस ज्यूस के सेवन से बॉडी का मेटाबॉलिज्‍म ठीक रहता है। गेहूं के ज्वारे के जूस में क्लोरोफिल पाया जाता जो बॉडी को टॉक्सिक फ्री करता है। यही नहीं गेहूं का ज्वारा रक्त में आॅक्सीजन की मात्रा बनाए रखता है।
मुंह की बदबू से निजात
अगर आपके मुंह से बदबू नहीं जाती है तो गेहूं के ज्वारे के रस से कुल्ला करें। ऐसा करने से मसूड़ों से खून का आना, बदबू और दांतों की समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है।

कब्ज
अगर आपको उल्टी जैसा महसूस हो रहा है तो गेहूं के रस का एक घूंट पी लें। इससे आपको राहत मिलेगी। यही नहीं ज्वारे का रस कब्ज से भी छुटकारा दिलाता है।
एंटी एजिंग
गेहूं के ज्‍वारे में एंटी एजिंग क्वालिटी होती है जिससे चेहरे पर झुर्रियां नहीं आतीं हैं। ज्‍वारे में पाए जाने वाले क्‍लोरोफिल से त्‍वचा पर बुढ़ापे का असर नहीं​ पड़ता है।

ब्लड प्रेशर
गेहूं के ज्‍वारे का रस ब्लड में मौजूद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाता है। इसके पीने ब्लड प्रेशर एक दम से नियंत्रित हो जाता है। हार्ट अटैक का खतरा भी दूर हो जाता है।
पाचन तंत्र
गेहूं के ज्‍वारे के रस में जादुई ताकत होती है। आपको बता दें कि पेट की समस्या के लिए यह रस रामबाण इलाज है। इस रस से पेट में एसिड की समस्या नहीं होती है।
जोड़ों के दर्द से राहत
जोड़ों के दर्द पर ज्वारे के रस में कपड़ा भिगकर दर्द वाली जगह पर बांधने से भी राहत मिलती है। रोजाना आधा गिलास इस रस का सेवन आपको दुरुस्‍त बनाए रखेगा ।
बालों को बनाए स्वस्थ्य
ज्‍वारे का रस बालों की सभी समस्‍याओं के लिए वन स्टॉप सॉल्‍यूशन है। इस रस को रूई से बालों पर लगाएं। आधे घंटे बाद अपने बालों का अच्छी तरह से धो लें। ऐसा नियमित रूप से करने पर बालों में रूसी, रूखापन, झड़ने-गिरने की समस्या खत्म हो जाएगी। साथ ही बाल घने और मजबूत बन जाएंगे।

Saturday, January 20, 2018

श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था?

🏹🏹🏹🏹🏹🏹कभी सोचा है की प्रभु 🏹🏹श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था?
नहीं तो जानिये-
1 - ब्रह्मा जी से मरीचि हुए,
2 - मरीचि के पुत्र कश्यप हुए,
3 - कश्यप के पुत्र विवस्वान थे,
4 - विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए.वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था,
5 - वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था, इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना की |
6 - इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए,
7 - कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था,
8 - विकुक्षि के पुत्र बाण हुए,
9 - बाण के पुत्र अनरण्य हुए,
10- अनरण्य से पृथु हुए,
11- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ,
12- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए,
13- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था,
14- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए,
15- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ,
16- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित,
17- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए,
18- भरत के पुत्र असित हुए,
19- असित के पुत्र सगर हुए,
20- सगर के पुत्र का नाम असमंज था,
21- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए,
22- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए,
23- दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए, भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था.भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे |
24- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए, रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया, तब से श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है |
25- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए,
26- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे,
27- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए,
28- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था,
29- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए,
30- शीघ्रग के पुत्र मरु हुए,
31- मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे,
32- प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए,
33- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था,
34- नहुष के पुत्र ययाति हुए,
35- ययाति के पुत्र नाभाग हुए,
36- नाभाग के पुत्र का नाम अज था,
37- अज के पुत्र दशरथ हुए,
38- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए |
इस प्रकार ब्रह्मा की उन्चालिसवी (39) पीढ़ी में श्रीराम का जन्म हुआ | शेयर करे ताकि हर हिंदू इस जानकारी को जाने..

🏹रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य🏹

1:~लंका में राम जी = 111 दिन रहे।
2:~लंका में सीताजी = 435 दिन रहीं।
3:~मानस में श्लोक संख्या = 27 है।
4:~मानस में चोपाई संख्या = 4608 है।
5:~मानस में दोहा संख्या = 1074 है।
6:~मानस में सोरठा संख्या = 207 है।
7:~मानस में छन्द संख्या = 86 है।

8:~सुग्रीव में बल था = 10000 हाथियों का।
9:~सीता रानी बनीं = 33वर्ष की उम्र में।
10:~मानस रचना के समय तुलसीदास की उम्र = 77 वर्ष थी।
11:~पुष्पक विमान की चाल = 400 मील/घण्टा थी।
12:~रामादल व रावण दल का युद्ध = 87 दिन चला।
13:~राम रावण युद्ध = 32 दिन चला।
14:~सेतु निर्माण = 5 दिन में हुआ।

15:~नलनील के पिता = विश्वकर्मा जी हैं।
16:~त्रिजटा के पिता = विभीषण हैं।

17:~विश्वामित्र राम को ले गए =10 दिन के लिए।
18:~राम ने रावण को सबसे पहले मारा था = 6 वर्ष की उम्र में।
19:~रावण को जिन्दा किया = सुखेन बेद ने नाभि में अमृत रखकर।

यह जानकारी  महीनों के परिश्रम केबाद आपके सम्मुख प्रस्तुत है ।
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Saturday, January 13, 2018

सुबह उठकर बासी चावल खाने के फायदे जानके जानकर आप रह जायेंगे हैरान

सुबह उठकर बासी चावल खाने के फायदे जानके जानकर आप रह जायेंगे हैरान
Samachar Jagat

लाइफस्टाइल डेस्क। चावल विभिन्न प्रकार के विटामिन और मिनरल्स का खजाना है। इसमें नियासिन, विटामिन डी, कैल्श‍ियम, फाइबर, आयरन, थायमीन और राइबोफ्लेविन पर्याप्त मात्रा में होता है। लेकिन आपको पता है बासी चावल को रातभर भिगोने के बाद ब्रेकफास्ट में खाया जाता हैं तो उसमें आयरन बढ़कर 73.91 मिलीग्राम हो जाता है। इसी तरह इसमें सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम की मात्रा भी बढ़ जाती है।

अगर आप भी अपनी चाय और कॉफी की लत से परेशान हो चुके हैं तो सुबह उठकर बासी चावल खाने से आपकी ये लत छुट जाएगी। बासी चावल खाने से आप दिनभर तरोताजा बने रह सकते हैं।

बासी चावल में काफी मात्रा में फाइबर्स मौजूद होने की वजह से कब्ज की समस्या दूर होती है। बासी चावल खाने से पेट की गर्मी की वजह से होने वाले छाले भी दूर होते हैं। अगर आप अल्सर की बीमारी से पीड़ित हैं तो हफ्ते में 3 बार बासी चावल का सेवन करें। ऐसा करने से आपका घाव जल्दी ठीक हो जाएगा।
संदर्भ पढ़ें रिपोर्ट