*रामायण : 'एक फर्जी व काल्पनिक रचना'*
✍🏻 As per History &
Historians... 🖊--------------------------------------- 👉🏻 _श्रीलंका का नाम 1972 में ही पड़ाl इससे पहले इस 'श्रीलंका' नाम का देश पूरे संसार में भी नही था!_
👉 'अयोध्या' को भी पहले 'साकेत' कहा जाता थाl 2000 साल पूर्व अयोध्या नाम का शहर भारत में नही था!
👉🏻 12,000 साल पूर्व 'भारत' से 'श्रीलंका' "सड़क-मार्ग" से जा सकते थे, क्योकि समुद्र का जलस्तर कम होने के कारण दोनो देशों के बीच 1 to 80 किमी. तक चौड़ा जमीनी मार्ग थाl ऐसे में 17,00,000 लाख साल पुर्व में जन्मे किस राम ने कौनसी 'अयोध्या' से किस 'लंका' पर चढ़ाई की और वह 'रामसेतु' कहाँ बनाया? यह समझ से परे की बात हैं! कहीं ऐसा तो नही की 'रामायण' सिर्फ कल्पनात्मक ढंग से लिखी गई हो और प्रचार होने पर किसी शहर का नाम 'अयोध्या' तो किसी देश का नाम 'लंका' रख दिया हो! जी हाँ। 'रामायण' पूरी तरह से एक काल्पनिक व फर्जी कथा हैl 'रामायण' को 'झूठी' और 'काल्पनिक' ठहराने के लिए एक नहीं अपितु अनेक तथ्य और प्रमाण मौजूद हैl श्रीलंका' उस देश का नाम भी 'श्रीलंका' नही था! आप 'श्रीलंका' का इतिहास पढ़ सकते हैं। 1972 से पूर्व 'श्रीलंका' नाम से संसार में भी कोई देश नही थाl भारत के दक्षिण में स्थित इस देश की दूरी भारत से मात्र 31 किमी हैl 1972 तक इसका नाम सीलोन (अंग्रेजी : Ceylon) थाl जिसे 1972 में बदलकर लंका तथा 1978 में इसके आगे सम्मान सूचक शब्द "श्री" जोड़कर *श्रीलंका* कर दिया
गयाl आप इंटरनेट पर 'श्रीलंका' का इतिहास पढ़ सकते हैंl लंका से पहले यह देश 'सीलोन' नाम से जाना जाता थाl _'सीलोन' से पूर्व इसे 'सिंहलद्वीप' कहा जाता थाl_ इससे भी पूर्व यह दीपवंशा, कुलावंशा, राजावेलिया इत्यादि नामों से जाना जाता थाl मगर 'लंका' कभी नही, क्योंकि स्वयं 'लंकावासियों' को भी काल्पनिक राम, रामायण का कोई अता-पता नही थाl
_तीसरी सदी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक के पुत्र महेन्द्र के यहां आने पर 'बौद्ध धर्म' का आगमन हुआl मगर भारत के 'चोल' शासकों का ध्यान जब इस द्वीप पर गयाl तो वे इसका संबंध रावण की लंका से जोड़ने लगेl हालांकि तब भी श्रीलंकावासी स्वयं इस तथ्य से अनभिज्ञ ही थेl 'रामायण' में जिस 'लंका' का उल्लेख किया गया है, वह प्राचीन भारत का कोई ग्रामीण क्षेत्र था, जो लंबे-चौड़े नदी-नालों से आमजन से कटा हुआ थाl कई इतिहारकारों के अनुसार यह स्थल 'दक्षिण-भारत' का ही कोई क्षेत्र थाl द्वितीय भारत और 'श्रीलंका' के बीच में "कोरल्स" की चट्टानें हैl उन्हें
पत्थर नहीं कहा जा सकता हैl इन 'कोरल्स' की संरचना 'मधुमक्खियों' के छत्ते के समान होती हैl जिनमे बारीक़ रिक्त स्थान होते हैl अतः _किसी भी हल्की वस्तु का आयतन पानी के घनत्व के कम होने पर वह तैरने लगती हैl इसमें आश्चर्य या 'राम' की शक्ति का कोई प्रभाव नहीं हैl 'अयोध्या'' यहीं नही अपितु राम की कथित 'अयोध्या' भी दो हजार वर्ष पूर्व अस्तित्व में नहीं थीl_ *आज जिसे अयोध्या कहते है, उसे पहले 'साकेत' कहा जाता थाl* 'मौर्यकाल' के बाद 'शुंगकाल' में ही “साकेत” का नाम अयोध्या रखा गयाl बौद्धकालीन किसी भी ग्रंथ में अयोध्या नाम से कोई स्थान नही थाl 'साकेत' का ही नाम बदलकर 'अयोध्या' रखा गयाl उपरोक्त तथ्यों के अलावा भी रामायण में इतने अंट-शंट और उटपटांग तथ्य हैं कि जिन पर यदि गौर किया जाये तो कहा भी नही जा सकता है कि 'रामायण' सत्य कथा पर आधारित हैl वैज्ञानिकों के अनुसार धरती पर 'आधुनिक-मानव'(Homo sapiens) की उत्पति 1लाख तीस हजार साल पूर्व 'अफ्रीका' में हुई थीl कालांतर में आज से एक लाख साल पूर्व वहां से मानव का भिन्न-भिन्न कबीलों के रूप में भिन्न-भिन्न 'द्वीपों' और 'महाद्वीपों' की और अलगाव होता रहाl हमारे 'भारत' में मानव का 67,000 साल (सड़सठ हजार) पूर्व आना बताया गया हैl
👉🏻 इन तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि 'रामायण' एक काल्पनिक व फर्जी रचना हैंl इसके सभी पात्र भी फर्जी व काल्पनिक हैl जिसका वास्तविक घटनाओं और नायकों से कोई संबंध नही हैं।
🙏 *जय भारत, जय मूलनिवासी*🙏
Saturday, February 11, 2017
*रामायण : 'एक फर्जी व काल्पनिक रचना'*
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Very nice jai bheem jai mulnivasi
ReplyDeleteलंका गए हो कभी या ऐसे ही छाप दिए एक पन्ना की रामायण काल्पनिक है।
ReplyDeleteखुद अपने ब्लॉग में हनुमान यंत्र के चमत्कार के बारे में लिखता है और यहां लोगो को बेवकूफ बना रहा है।
ReplyDeleteTu hai ya kalpnik hai ...muje double hai
ReplyDelete*📗सच्ची रामायण📗*
ReplyDelete*👉सच्ची रामायण इस किताब के ऊपर 1969 में केस लगा था फिर क्या हुआ क्या लिखा है इस किताब सच्ची रामायण में इस किताब को डाउनलोड कर कर जरूर पढ़ें*
https://drive.google.com/file/d/1C9ABvmx2l88VKIxZ2jFlsww3tu72bcfn/view?usp=drivesdk
लिंक को कॉपी करें फिर whatsapp किसी को शेयर करे वहाँ से फिर क्लिक करे किताब drive में खुल जाएगी
Deleteबिल्कुल सही कहा आपने मुझे तो इस ट्रैफिक पे बहुत हसी आती है हनुमान ने सूर्य को निगल लिया था😂
ReplyDeleteharamjade
DeleteYe ek dam worng hai
DeleteVery good 👍 awesome answer keep it bro
ReplyDeleteJay shree ram
ReplyDeleteयह सत्य है बिल्कुल रामायण काल्पनिक ओर उसमे लिखी हुई सब फर्जी है
ReplyDeleteEk dam 💯 percent saty hai
DeleteRam ke aslee baap, seeta ke aslee baap, aur Hanuman ke asli baap ka naam btao
ReplyDeleteHa sir aapne shi bol rhe hai in sb ka baap koun tha
ReplyDeleteRaam ko farji kahne bale tumne raam setu dekha he jo aaj bhi he raam to bo he jo papiyon ko bhi maaf kar dete he bas ek baar bhikh mang ke to dekho jai shree raam🙏🙏🙏🙏🚩🚩🧐🧐👍
ReplyDeleteHa bhai bilkul sahi bola in logo ne koi sasta nasha jarur kiya he aur esa bhi ho sakta he ki pancher bali padhai ki ho raam raam bhaiya aap ka jabaab achha he ������
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