Sunday, February 26, 2017

हैरान कर देने वाले फायदे होते है प्याज को मोज़े में रखकर सोने से।

खबर से जुड़े मुख्य बिन्दु :

प्याज शरीर में कीटाणुओं और जीवाणुओं को नाश करता है।
हमारे शरीर में पैर काफी शक्तिशाली होते हैं और इनकी आतंरिक अंगों तक सीधे पहुँच होती है।
पैरों के नीचे लगभग 7000 तंत्रिका तंत्र होते हैं
इससे पेरों की गंध भी दूर होती है।

हैरान कर देने वाले फायदे होते है प्याज को मोज़े में रखकर सोने से।
रात को सोने से पहले प्याज के टुकड़े को मोज़े में रख कर सोने से बहुत सारे फायदे मिलते हैं। प्याज आस-पास की नकारात्मक हवा को शुद्ध करता है। मोज़े में भी प्याज रखकर सोने से अंगों को स्वस्थ रखा जा सकता है। प्याज शरीर में कीटाणुओं और जीवाणुओं को नाश करता है। हमारे शरीर में पैर काफी शक्तिशाली होते हैं और इनकी आतंरिक अंगों तक सीधे पहुँच होती है।
पैरों के नीचे लगभग 7000 तंत्रिका तंत्र होते हैं जो की शरीर के विभिन अंगों से जुड़े होती है। प्याज की स्लाइस को काट कर दोनों मोजों में रख लें। प्याज अच्छी तरह पेरों को छूना चाहिए। तो आइए जानते हैं और क्‍या क्‍या फायदे होते हैं प्‍याज के टुकड़े को रखकर सोने के…
1. प्याज में तेज गंध होती है जो की आस पास की हवा को शुद्ध करता है। इससे पेरों की गंध भी दूर होती है।
2. प्याज में एंटी वायरल और एंटी बेक्तिरियल गुण होते हैं। प्याज को शरीर पर रगड़ने से बेक्टीरिया का नाश होता है।
3. प्याज में फास्फोरिक एसिड होता है। जो की त्वचा से मिलकर शरीर में खून को साफ़ करता है।
4. प्याज को मोज़े में रख कर सोने से ह्रदय स्वस्थ बनता है।
5. पेट में हो रहे संक्रमण से छुटकारा मिलता है प्याज को पेरों के बिच में रखने से। किडनी की समस्या में भी आराम मिलता है।
6. प्याज का टुकड़ा आपको मूत्राशय और छोटी आंत की समस्या से निजात दिलाता है।
7. पैरों में बदबू आती है तो प्याज को मोज़े में डाल कर सोने से बदबू दूर हो जाती है।
8. शरीर में बुखार होने लग जाये तो प्याज मोज़े में डाल कर सो जाये है बुखार और जुखाम में आराम मिलता है।

इन पुत्रों के नाम याद करने भर से, लक्ष्मी दौडी चली आएंगी

लक्ष्मी को चंचल माना गया है। हर कोई चाहता है कि लक्ष्मी सदा उसे घर में निवास करे। हम आपको बता रहे हैं कुछ खास उपाय जिनको करने से मां लक्ष्मी आपके घर खिंची चली आएंगी।
आम धारणा है कि बेटे जब आवाज दें तो मां कहीं भी हो दौडी चली आती हैं। ऐसा ही मां लक्ष्मी के साथ भी है। अगर आप मां लक्ष्मीक को प्रसन्न करना चाहते हैं या उनकी कृपा दृष्टि चाहते हैं तो केवल उनके 18 पुत्रों के नाम ही जपने होंगे। इससे मां लक्ष्मीो आपके घर खिंची चली आएंगी।ज्यो्तिष और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब लक्ष्मी जी के पुत्रों का नाम लेंगे, तो मां दौड़ी चली आयेंगी। ये ममता ही तो है, जो मां को बच्चों से जोड़ती है। गणेश जी लक्ष्मी जी के मानस पुत्र हैं। वैसे तो लक्ष्मी जी चंचला हैं, एक स्थान पर नहीं टिकतीं। लेकिन दो स्थानों पर लक्ष्मी जी सदा निवास करती हैं। पहला वह स्थान जहां विष्णु जी का अभिषेक दक्षिणावर्ती शंख से किया जाये। दूसरा वह स्थान, जहां गणपति की आराधना की जाये। तीसरा उपाय है लक्ष्मी जी के 18 पुत्रों का नाम जपना। वैसे तो लक्ष्मी जी वहां सदा निवास करती हैं, जहां गणपति पूजे जाते हैं, लेकिन अचानक रुपये चाहिये तो एक नहीं, बल्कि लक्ष्मी जी के अनेक पुत्रों के नाम लेना होगा।
ऋग्वेद में लक्ष्मी जी के 4 पुत्रों का नाम इस श्लोक में आया है -आनंद: कर्दम: श्रीदश्चिकलीत इति विश्रुता: -ऋषय: श्रिय: पुत्राश्व मयि श्रीर्देवी देवता-4/5/4/6 लेकिन आकस्मिक धन पाने के लिये आपको लक्ष्मी जी के 18 वर्ग पुत्रों के नाम लेने होंगे। इसके बाद धन की व्यवस्था स्वयं लक्ष्मी जी आकर करती हैं।
कैसे मिलेगा आकस्मिक धन? अगर अचानक कारोबार में घाटा हो जाये, शेयर बाज़ार में पैसे डूब जायें, अच्छी भली नौकरी चली जाये या फिर कोई प्राकृतिक आपदा आ जाये, ऐसे में धन की आवश्यकता सबको पड़ सकती है। बस ऐसी ही परिस्थिति में, लक्ष्मी जी के 18 पुत्रों का नाम, शुक्रवार से जपना शुरू कर दें।
लक्ष्मी जी के धन दिलाने वाले 18 पुत्रों के नाम ॐ देवसखाय नम: - ॐ चिक्लीताय नम: - ॐ आनन्दाय नम: - ॐ कर्दमाय नम: - ॐ श्रीप्रदाय नम: - ॐ जातवेदाय नम: - ॐ अनुरागाय नम: - ॐ सम्वादाय नम: - ॐ विजयाय नम: - ॐ वल्लभाय नम: - ॐ मदाय नम: - ॐ हर्षाय नम: - ॐ बलाय नम: - ॐ तेजसे नम: - ॐ दमकाय नम - ॐ सलिलाय नम: - ॐ गुग्गुलाय नम: - ॐ कुरूण्टकाय नम: अगर आप भी किसी ऐसी परिस्थिति के शिकार हैं, जिसमें अचानक से पैसे रूपये चाहिए, तो यह उपाय शुक्रवार से आज़मायें। मां तो मां है, फिर लक्ष्मी ही क्यों न हों, बेटों के नाम पुकारेंगे तो मां दौड़ी चली आएंगी।

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क्या आप परेशान हैं! तो आजमाएं ये टोटके

रात को तकिए के नीचे लहसुन रखें, फिर देखें चमत्कार!

पूजा काम की थकावट के कारण रात में सो नहीं पाती थी। उसका पूरा शरीर दर्द करते रहता था। कई बार उसको अजीब से सपने भी आते थे। उसने डॉक्टर द्वारा दी गई दवाईयां भी ली। लेकिन कोई फायदा नहीं दिखा। ये समस्या एक दिन उसने अपनी दोस्त रश्मी को बताई। तब रश्मी ने उसे लहसुन को तकिये के नीचे रखकर सोने की सलाह दी। पहले तो पूजा को यकीन नहीं हुआ। लेकिन सोचा एक बार ट्राय करने में क्या हर्ज है... सो उस रात उसने तकिये के नीचे लहसुन रखा...। और अगले दिन आराम से उठी। अब पूजा तकिये के नीचे लहसुन रख कर आराम से अपनी नींद पूरी करती है।

तो अगर आपको भी पूजा की तरह अनिद्रा की समस्या है तो ये लेख पूरा पढें-

लहसुन में छुपा है इन समस्याओं का समाधान

अनिद्रा की समस्या
थकावट
शरीर में जिंक की कमी
बुरे सपने आना
कैसे तकिये के नीचे रखा लहसुन है कारगर

लहसुन के नीचे रखा तकिया आपकी अनिद्रा और बुरे सपने आने की समस्याओं को ठीक कर देगी। दरअसल, लहसुन में जिंक प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में जब हम तकिये की नीचे लहसुन रखते हैं तो लहसुन से आने वाली जिंक की खुशबू दिमाग में सुरक्षा की भावना पैदा करती है। यह एक पुरानी थेरेपी है जिसे घर क बुजुर्ग बच्चों को सुलाने के लिए अपनाते थे। जैसा की हर पुरानी मान्यता में वैज्ञानिक कारण छुपा होता है वैसे ही इस तकिये के नीचे लहसुन में छुपा है।
पुराने जमाने में मान्यता थी कि लहसुन लोगों को बुरी आत्‍माओं के प्रभाव से बचाता है और घर के अंदर बुरी शक्‍तियां को आने से रोकती है।

ये लहसुन पेय भी इस्तेमाल करें

अगर शरीर में ज्यादा दर्द है तो तकिये के नीचे लहसुन रखने के साथ लहसुन से बना ये पेय भी इस्तेमाल करेँ। ये पेय पदार्थ आप बच्चों को भी दे सकते हैं जो शरीर में जिंक की कमी को पूरा करता है।

सामग्री

1 गिलास दूध
1 लहसुन की कली (कुंची हुई)
1 टी स्‍पून शहद

इसे बनाने की विधि

एक पैन में लहसुन पीस लें और उसमें दूध मिला लें। फिर इसे 3 मिनट तक उबालें और फिर इसे आंच से उतार लें। अब ग्लास में शहद मिलाएं और पिएं। इसे पीने के बाद 30 मिनट के अंदर नींद आ जाएगी।

Tuesday, February 21, 2017

आज भी प्रकट होते हैं हनुमान इस खास मन्त्र के जाप से- देखिये चमत्कार

आज भी प्रकट होते हैं हनुमान इस खास मन्त्र के जाप से- देखिये चमत्कार
Aap Ki Khabar

डेस्क - क्या आप ये जानते है की वो आज भी लोगो की मदद करने के लिए आते है पर अदृश्य रहते है, दृश्य सिर्फ एक ख़ास समुदाय के लोगो को है जो श्री लंका के जंगलो में रहते है l हनुमान जी ने एक मन्त्र दिया था उन लोगो को जिसके ज़रिये वो पवनपुत्र हनुमान का आवाहन करेंगे और उनके दर्शन प्राप्त कर सकेंगे पर उस मन्त्र का कोइ दुरूपयोग न करे इसके लिए हनुमान जी ने 2 शर्ते या कहे नियम रखे जिसका सही अर्थ केवल इसी प्रजाति के लोग ही समझते है l
नीचे पढ़ें वो मंत्र
त्रेतायुग के अंत में जब भगवान् राम बैकुंठ धाम को पधार गए थे उस वक़्त कोई था जो कलियुग के अंत तक धरती पर भगवान् राम की भक्ति और जन कल्याण हेतु रुका l कलियुग में एकमात्र भगवान् बजरंग बली है जिनका अस्तित्व आपको इस धरातल पर मिलेगा जो आपको बताएगा की हिन्दू धर्म कितना प्राचीन और महत्वपूर्ण है l
आप जो अब पढने जा रहे है वो न ही सिर्फ दिलचस्प है बल्कि अविश्वसनीय भी, इसे पढने और जानने के बाद आपका भगवान् के प्रति श्रधा व विश्वास और दृढ होगा….जय बजरंग बली !
आगे जानिये की रामायण काल खत्म होते ही हनुमान जी कहा और किस जगह साक्षात भ्रमण करते रहे और उन्होंने कौन सा ऐसा मन्त्र दिया जिसके जाप से वो स्वयं प्रगट हो जाते है पर उस मन्त्र के जाप के लिए भी आपको 2 शर्ते पूरी करनी पड़ती है, और आज के वक़्त को देखते हुए हर किसी में इतना सामर्थ्य नहीं की वो ये दो शर्ते पूरी कर पाए अगर वो शर्ते या नियम कोई पूरी करता है तो वो प्रजाति श्री लंका के जंगलो में रहती है और हर ४१ साल बाद उनकी पीढ़ी हनुमान जी के दर्शन प्राप्त करती है l
ये वो चमत्कारी मन्त्र है जिसके पाठ और जाप से आप पवनपुत्र हनुमान के दर्शन प्राप्त कर सकते है l

कालतंतु कारेचरन्ति एनर मरिष्णु , निर्मुक्तेर कालेत्वम अमरिष्णु

Monday, February 20, 2017

विवाहित स्त्रीने लिहीलेली सुंदर कविता

हसा व वाचा
विवाहित स्त्रीने लिहीलेली सुंदर कविता
👇
जरा बऱ नसेल तर :-

जरा बऱ नसेल तर नवरे
कित्ती मदत करतात,

तु झोप आता म्हणतात आणी
मग दहा वेळा उठवतात.

चहा कशात आहे,
साखर संपलीये का,
गाळणं कुठाय?

सगळे डब्बे ओट्यावरच
मुक्कामाला येतात.

जरा बरं नसेल तर
नवरे कित्ती मदत करतात

टेबलावरची वर्तुळ सांगतात
किती झालाय चहा,

आवरताना म्हणतात
तू झोपुनच रहा,

पुसायचे फडके म्हणुन
नवाकोरा नॅपकीन घेतात.

जरा बऱ नसेल तर
नवरे कित्ती मदत करतात

दुध जातंच ऊतु
जर केलं "वर्क फ्रॉम होम"
आणि ऑफिसला गेले तर
फोन वर फोन.

चौकशीच्या नादात
बायकोची झोप विसरतात.

जरा बरं नसेल तर
नवरे कित्ती मदत करतात

खरकटी भांडी आणि
पिम्पाखाली तळे,

कुकरच्या अगणित शिट्या
आणि पोळी भाजीची पार्सले.

यांच्या दर्शनानेच बहुदा
आजारपणे पळतात.

जरा बरं नसेल तर
नवरे कित्ती मदत करतात

रागावू नका, एखादा नवरा
असेलही जगावेगळा.

सन्माननीय अपवादां मधे
स्वतःला वगळा.

पण असे नवरे नेहमी दुसऱ्या
बायकांनाच मिळतात

कि पलीकडचे रंग
जरा जास्तच हिरवे दिसतात.                                             

म्हणे नवरे मदत करतात.😂😂😂😂😂😂😂

Sunday, February 19, 2017

🌻 *थाइराइड का अचूक उपचार*🌻

The 🌻 *थाइराइड का अचूक उपचार*🌻

आज के समय में ज़्यादातर लोगों को थाइराइड की समस्या है, इसके कारण सैकड़ों बीमारियां घेर लेती है।
मोटापा इसी के कारण बढ़ जाता है।
लोग दवा खाते रहते हैं लेकिन ये ठीक नही होता।
*इसलिए दवा के साथ कुछ नियम जान लें 10 दिन में थाइराइड से आराम मिल जायेगा।*

✍1: घर से रिफाइंड तेल बिलकुल हटा दीजिये, न सोयाबीन न सूरजमुखी, भोजन के लिए सरसों का तेल, तिल का तेल या देशी घी का प्रयोग करें।

✍2: आयोडीन नमक के नाम से बिकने वाला ज़हर बंद करके सेंधा नमक का प्रयोग करें, समुद्री नमक BP, थाइराइड, त्वचा रोग और हार्ट के रोगों को जन्म देता है।

✍3: दाल बनाते समय सीधे कुकर में दाल डाल कर सीटी न लगाएं, पहले उसे खुला रखें, जब एक उबाल आ जाये तब दाल से फेना जैसा निकलेगा, उसे किसी चमचे से निकाल कर फेंक दें, फिर सीटी लगा कर दाल पकाएं।

*इन तीन उपायों को अगर अपना लिया तो पहले तो किसी को थाइराइड होगा नही और अगर पहले से है तो दवा खा कर 10 दिन में ठीक हो जायेगा।*

✍ *थाइराइड की दवा:*

2 चम्मच गाजर का रस
3 चम्मच खीरे का रस
1 चम्मच पिसी अलसी

तीनो को आपस में मिला कर सुबह खाली पेट खा लें।
इसे खाने के आधे घंटे बाद तक कुछ नही खाना है।

ये इलाज़ रोज सुबह खाली पेट कर लें 7 दिन में परिणाम देख लें।
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃
🌷 *घर पर ENO बनाये*🌷
सामग्री --- 100 ग्राम ENO बनाने के लिए
1---40 ग्राम नीबू सत्व (लीबु ना फुल)
2----55 ग्राम  खाने वाला  सोडा
3-----05 ग्राम सेंधा नमक
सभी सामग्री को अच्छे से मिलाकर airtight कांच की बोतल में भरकर रखे।
प्रयोग ----
एक गिलास पानी में 3-4 ग्राम  डाल कर अच्छे से मिलाए । बिलकुल ENO जैसा बन जायेगा ।
ये साम्रगी किराणे की दुकान पर मिल जायेगी ।
कुल 8 से 10 ₹ में 100 ग्राम ENO तैयार हो जाएगा, जबकि  Eno का पेकेट 5gm 7 rs.मे आता है।
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃
🌻 *सफ़ेद दाग (ल्युकोडर्मा)* 🌻

गौमूत्र                 100 ग्राम
नीम के पत्ते          100 ग्राम
गाय के गोबर का रस      100 ग्राम
बावची चूर्ण           100 ग्राम

सभी को मिला कर पेस्ट बना लें, किसी भी प्रकार के चर्म रोग, सोराइसिस, सफ़ेद दाग में इसे लगाने से बहुत जल्द फायदा मिलता है।
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃
🌻 *उच्च रक्तचाप (High BP)*🌻

जिन मरीजों को रोज BP की दवा खानी पड़ती है उनके लिए एक अचूक हथियार है।

*200 ग्राम बड़ी इलायची ले कर तवे पर भूने, इतना भूनना है कि इलायची जल कर राख हो जाये, इस राख को पीस कर किसी डिब्बी में भर लें, सुबह खाली पेट और शाम को भोजन से 1 घंटा पहले 5 ग्राम राख को 2 चम्मच शहद में मिला कर खा लें*।

नियमित 15-20 दिन इस उपचार को करने के बाद आपको BP की किसी दवा को खाने की ज़रूरत नही पड़ेगी।
*Copy paste... 😊🙏🏻*
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃

Thursday, February 16, 2017

मोबाईल नंबर विसरलात तर हा कोड वापरा आणि जाणून घ्या तुमचा नंबर

1. Airtel - *121*9#
2. Vodafone - *111*2#
3. BSNL - *222#
4. Idea - *1#
5. Reliance - *1#
6. Aircel - *1#
7. Uninor - *555#

हे सर्व नंबर आपल्या मोबाईलवर डायल करा आणि त्यानंतर OK बटन दावा. तुम्हाला तुमचा मोबाईल स्क्रीनवर मोबाईल नंबर दिसेल.

Monday, February 13, 2017

एक विचार

From

Sandeep Dandekar > ‎HALBA SOCIAL GROUP
😡 राग आला तर आला😡
खालील प्रश्नाची
उत्तरे द्यावी
1) भारतात 33 करोड देव आणि लाखो बुवा बापु आहे मग भारत गरीब का आहे?
2) गणपती आणि सरस्वती विद्येची देवता आहे मग भारतात निरक्षरता का आहे?
3) भारतात ज्योतिष भविष्य सांगतात मग भुकंप, पुर, दहशतवादी हल्ले होतात मग ह्या ज्योतिषांना हे का नाही समजत?
*4) उपवास करुन मनोकामना पुर्ण होतात मग भारतात करोडो लोक उपाशी आहेत ज्यांना दोन वेळेच जेवण मिळत नाही मग त्यांना देव का प्रसन्न होत नाही?*
5) नवस करुन जर मुल होत असतील तर नवरा करायची गरज काय असे संत तुकाराम का म्हणतात?
6) तिर्थक्षेत्री दगड धोंडा पाणी असे संत तुकाराम का म्हणतात?
7) देव दर्शन करुन आल्यावर वाटेत गाडीला अपघात होऊन भक्त मरतात देवाच्या मंदीरात चेंगराचेगरी होऊन लोक मरतात मग *देव त्यांना का वाचवित नाही?*
8) देव चोरीला जात नाही फक्त _*दानपेट्या चोरीला जातात असे का?*_
9) मराठा, ओबीसी, एससी, एसटी लोकांच्या अंगात देव येतो मग ब्राम्हणाच्या अंगात देव का नाही येत?
10) देव आजार बरा करतो मग डाँक्टराकडेआपण का जातो?
11) देव आहे मग चोरी, बलात्कार, खुण का होतात?
12) सर्व 33 कोटी देवांनी भारतातच का जन्म घेतला? इतर देशात का नाही?
13) देवांना पोलिस संरक्षण का असते? देव स्वताच रक्षण का करु शकत नाही?
14) नवस करुन नोकरी मिळत असते मग अभ्यास करायची मेहनत करायची गरजच काय?
15) तिर्थक्षेत्रात भ्रष्टाचार केला जातो मग देव त्यांना शिक्षा का देत नाही?
16) देव सर्व काही देतो मग काम करायची गरज काय?
17) देवाच्या मंदीरा बाहेर भिकारयांची रांग का?
वाट पहात आहे
तुम्हच्या उत्तराची
परत वाचा
🤔🤔🤔
डार्विन च्या सिंधातानुसार माकडा पासून माणूस झाला हे संपूर्ण जग मान्य करत आदि मानव नग्न राहायचा, आणि त्या नंतर किती तरी शतका नंतर कापडाचा शोध लागलाय मग माझा सरळ आणि सोपा प्रश्न ??
*देवाच्या अंगावर कपडे कसे?*
कारण कापडाचा शोध आदिमानवा नंतर लागलाय.
*मग देवाने माणूस निर्माण केला कि माणसाने देव ?*

तुम्ही म्हणता रामायण आणि महाभारत अति प्राचीन आहे.
मग धातू युग याचा कार्यकाळ कधीचा आणि मग रामायण महाभारतात, लोखंडी भाले आले कुठून?
*चक्राचा शोध कधी लागला?*
तो तर इसवीससना नंतर लागलाय मग रामायण आणि महाभारत अची प्राचीन असेल तर रथाला चाके कशी काय????
रामायणात वानर पूल बांधतात आणि दगडावर राम अस लिहील तर पाण्यावर दगड तरंगतात हे तात्पुरत मान्य केल तरी वानर लिहायला कुठल्या शाळेत गेली होती?
तसा उल्लेख असेल तर सांगा मग, हनुमान पर्वत उचलून आणतो तर सगळी वानर सेना उचलून का नेली नाही ????
वानरांना त्रास द्यायचं कारण काय ????
या जगात अगदी फुला चा जन्म स्त्री केसर आणि पुकेसर एकत्र आल्या शिवाय होत नसेल तर,
*ब्रम्ह देवाच्या बाहू मधून क्षत्रिय लोकांचा जन्म होतो हे कस शक्य आहे ?*
*या जगात मादी जात पिलाला जन्म देते ब्रम्ह देव तर पुरुष आहे.*
नारद मुनी ची आई सरस्वती, सरस्वती चा बाप ब्रम्हा..
*मग नारद मुनी ब्रम्ह देवाचा पुत्र कसा??*
बापाची मुलगी बहिण असणार ना ????
मग बहिण आई कशी???
ब्रम्ह देवाच्या मुलीचा मुलगा ब्रम्ह देवाचा नातू असायला हवा मग नारद मुनीचा बाप, ब्रम्ह देव कसा?
*इसवीसनाच्या पाचव्या शतकात आर्य भटाने [०]शून्याचा शोध लावला.*
तर मग रावणाला १० तोंड होती हि कुणी मोजली?
कारण एकवर शून्य दिल्या शिवाय दहा कसे होतील आणि महाभारतात तर कौरव १०० आहेत येथे तर दोन शून्य आहेत आणि अस असेल तर *खर कोण ? आर्य भट का रामायण कि महाभारत??????*
*आणखी एक प्रश्न आदिमानवापासून आजचा माणूस तयार झाला हे विज्ञानाणे मान्य केल आहे मग आदिमानवाची जात कुठली आणि धर्म कुठला ?????????*
या सर्व भाकडकथा, पुराण वाचून हसु येईल पण सत्य हेच की,
*अॅक्चुली देवाची निर्मिती मानवानेच केली..*
*मानवानेच जात, धर्म निर्माण केले..*
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Saturday, February 11, 2017

*रामायण : 'एक फर्जी व काल्पनिक रचना'*

*रामायण : 'एक फर्जी व काल्पनिक रचना'*
✍🏻 As per History &
Historians... 🖊--------------------------------------- 👉🏻            _श्रीलंका का नाम 1972 में ही पड़ाl इससे पहले इस 'श्रीलंका' नाम का देश पूरे संसार में भी नही था!_
👉 'अयोध्या' को भी पहले 'साकेत' कहा जाता थाl 2000 साल पूर्व अयोध्या नाम का शहर भारत में नही था!
👉🏻 12,000 साल पूर्व 'भारत' से 'श्रीलंका' "सड़क-मार्ग" से जा सकते थे, क्योकि समुद्र का जलस्तर कम होने के कारण दोनो देशों के बीच 1 to 80 किमी. तक चौड़ा जमीनी मार्ग थाl ऐसे में 17,00,000 लाख साल पुर्व में जन्मे किस राम ने कौनसी 'अयोध्या' से किस 'लंका' पर चढ़ाई की और वह 'रामसेतु' कहाँ बनाया? यह समझ से परे की बात हैं! कहीं ऐसा तो नही की 'रामायण' सिर्फ कल्पनात्मक ढंग से लिखी गई हो और प्रचार होने पर किसी शहर का नाम 'अयोध्या' तो किसी देश का नाम 'लंका' रख दिया हो! जी हाँ। 'रामायण' पूरी तरह से एक काल्पनिक व फर्जी कथा हैl 'रामायण' को 'झूठी' और 'काल्पनिक' ठहराने के लिए एक नहीं अपितु अनेक तथ्य और प्रमाण मौजूद हैl श्रीलंका' उस देश का नाम भी 'श्रीलंका' नही था! आप 'श्रीलंका' का इतिहास पढ़ सकते हैं। 1972 से पूर्व 'श्रीलंका' नाम से संसार में भी कोई देश नही थाl भारत के दक्षिण में स्थित इस देश की दूरी भारत से मात्र 31 किमी हैl 1972 तक इसका नाम सीलोन (अंग्रेजी : Ceylon) थाl जिसे 1972 में बदलकर लंका तथा 1978 में इसके आगे सम्मान सूचक शब्द "श्री" जोड़कर *श्रीलंका* कर दिया
गयाl आप इंटरनेट पर 'श्रीलंका' का इतिहास पढ़ सकते हैंl लंका से पहले यह देश 'सीलोन' नाम से जाना जाता थाl _'सीलोन' से पूर्व इसे 'सिंहलद्वीप' कहा जाता थाl_ इससे भी पूर्व यह दीपवंशा, कुलावंशा, राजावेलिया इत्यादि नामों से जाना जाता थाl मगर 'लंका' कभी नही, क्योंकि स्वयं 'लंकावासियों' को भी काल्पनिक राम, रामायण का कोई अता-पता नही थाl
_तीसरी सदी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक के पुत्र महेन्द्र के यहां आने पर 'बौद्ध धर्म' का आगमन हुआl मगर भारत के 'चोल' शासकों का ध्यान जब इस द्वीप पर गयाl तो वे इसका संबंध रावण की लंका से जोड़ने लगेl हालांकि तब भी श्रीलंकावासी स्वयं इस तथ्य से अनभिज्ञ ही थेl 'रामायण' में जिस 'लंका' का उल्लेख किया गया है, वह प्राचीन भारत का कोई ग्रामीण क्षेत्र था, जो लंबे-चौड़े नदी-नालों से आमजन से कटा हुआ थाl कई इतिहारकारों के अनुसार यह स्थल 'दक्षिण-भारत' का ही कोई क्षेत्र थाl द्वितीय भारत और 'श्रीलंका' के बीच में "कोरल्स" की चट्टानें हैl उन्हें
पत्थर नहीं कहा जा सकता हैl इन 'कोरल्स' की संरचना 'मधुमक्खियों' के छत्ते के समान होती हैl जिनमे बारीक़ रिक्त स्थान होते हैl अतः _किसी भी हल्की वस्तु का आयतन पानी के घनत्व के कम होने पर वह तैरने लगती हैl इसमें आश्चर्य या 'राम' की शक्ति का कोई प्रभाव नहीं हैl 'अयोध्या'' यहीं नही अपितु राम की कथित 'अयोध्या' भी दो हजार वर्ष पूर्व अस्तित्व में नहीं थीl_ *आज जिसे अयोध्या कहते है, उसे पहले 'साकेत' कहा जाता थाl* 'मौर्यकाल' के बाद 'शुंगकाल' में ही “साकेत” का नाम अयोध्या रखा गयाl बौद्धकालीन किसी भी ग्रंथ में अयोध्या नाम से कोई स्थान नही थाl 'साकेत' का ही नाम बदलकर 'अयोध्या' रखा गयाl उपरोक्त तथ्यों के अलावा भी रामायण में इतने अंट-शंट और उटपटांग तथ्य हैं कि जिन पर यदि गौर किया जाये तो कहा भी नही जा सकता है कि 'रामायण' सत्य कथा पर आधारित हैl वैज्ञानिकों के अनुसार धरती पर 'आधुनिक-मानव'(Homo sapiens) की उत्पति 1लाख तीस हजार साल पूर्व 'अफ्रीका' में हुई थीl कालांतर में आज से एक लाख साल पूर्व वहां से मानव का भिन्न-भिन्न कबीलों के रूप में भिन्न-भिन्न 'द्वीपों' और 'महाद्वीपों' की और अलगाव होता रहाl हमारे 'भारत' में मानव का 67,000 साल (सड़सठ हजार) पूर्व आना बताया गया हैl
👉🏻        इन तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि 'रामायण' एक काल्पनिक व फर्जी रचना हैंl इसके सभी पात्र भी फर्जी व काल्पनिक हैl जिसका वास्तविक घटनाओं और नायकों से कोई संबंध नही हैं।
🙏 *जय भारत, जय मूलनिवासी*🙏

Saturday, February 4, 2017

इन राशि के मुताबिक करें जाप मिलेगा लाभ

इन राशि के मुताबिक करें जाप मिलेगा लाभ
3 Feb. 2017

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संसार में सबसे श्रेष्ठ ज्ञान को ही माना गया है। जॅहा ज्ञान है, वहाॅ पवित्रता विद्यमान है और जॅहा अज्ञान है वहाॅ नरक ही नरक है सब कुछ छीना जा सकता है किन्तु ज्ञान छीना नहीं जा सकता। ज्ञान खैरात में नहीं बॅटता। ज्ञान प्राप्त करने के लिए श्रद्धा, परिश्रम, साधना व समर्पण की जरूरत होती है। शिक्षा ग्रहण करने का उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना होता है। लगभग प्रत्येक विद्यार्थी अपनी क्षमता के अनुसार परिश्रम करके परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने की भूरपूर कोशिश करता है। किन्तु कुछ छात्रों को अच्छे अंक हासिल होते है एंव कुछ को कम अंक ही प्राप्त होते है..

बोर्ड की परीक्षायें प्रारम्भ होने वाली इसलिए छात्रों के मन में अभी से ही परीक्षा परिणामों का भय सता रहा है..

घबराईये मत हम आपको बताते है माता सरस्वती के कुछ ऐसे मन्त्र जिनका जाप राशि के मुताबिक करने से आप परीक्षा में अव्वल अंको से उत्तीर्ण होगें..

नोट-पढाई में मेहनत करने पर ही नीचे दिये गये मन्त्र लाभकारी सिद्ध होगें। इन मन्त्रों से कोई चमत्कार नहीं होगा बल्कि मन्त्र जाप करने से आपकी स्मरण शक्ति अच्छी होगी एंव परीक्षा में आपका प्रजेनटेशन बेहतर होगा..

मेष-इस राशि वाले विद्यार्थी निम्न मन्त्र ”ऊॅ ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः” का कम से कम 108 बार जाप करें..

वृष-निम्न मन्त्र ”वद-वद वाग्वादिन्यै स्वाहा” का 108 बार जाप करने से लाभ मिलता है..

मिथुन-आप लोग ”ह्रीं ऐं ह्रीं ऊॅ सरस्वत्यै नमः” का 108 बार जाप करें..

कर्क-इस राशि वाले छात्र ”ऐं वाचस्पते अमृते प्लुवः प्लुः” मन्त्र का जाप करें..

सिंह-आप लोग ”ऐं वाचस्पतेमृते प्लवः प्लवः” इस मन्त्र का जाप करें लाभ अवश्य मिलेगा..

कन्या-इस राशि वाले विद्यार्थी सरस्वती चिन्तामणि ” ऊॅ ह्रीं हस्त्रैं ह्रीं ऊॅ सरस्वत्यै नमः” का जाप करने से छात्रों का परीक्षा में सफलता मिलेगी..

तुला-आप लोगों को ”ऊॅ ह्रीं हसौं ह्रीं ऊॅ सरस्वत्यै नमः” मन्त्र का जाप करने से सफलता मिलती है..

वृश्चिक-इस राशि वाले छात्र ” ऊॅ हें हस़़्त्रैं ह्रीं ऊॅ सरस्वत्यै नमः” का मन्त्र जाप करने से फायदा होगा..

धनु-इस मन्त्र ”ऐं ह्रीं अन्तरिक्ष सरस्वती स्वाहा” का जाप करने से छात्रों को परीक्षा में विशेष लाभ होता है..

मकर-इस राशि वाले विद्यार्थी ”ऐं नमः भगवति वद-वद वाग्देवि स्वाहा” मन्त्र का नियमित जाप करें..

कुम्भ-इस मन्त्र ” ऊॅ ऐं नमः” का नियमित 108 बार जाप करने से छात्रों को परीक्षा में अच्छे अंक हासिल होते है..

मीन-इस राशि वाले छात्रों को ”आं लृं ” मन्त्र का जाप करने से लाभ ही लाभ मिलता है