सनातन धर्म पर अद्भुत जानकारी यह जानकारी कल्याण कारी है। कृपया अंत तक अवश्य पढ़े ⚘
दो लिंग ● नर और नारी । ⚘
दो पक्ष ● शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। ⚘
दो पूजा ● वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)। ⚘
दो अयन ● उत्तरायन और दक्षिणायन। ⚘
तीन देव ● ब्रह्मा, विष्णु, शंकर। ⚘
तीन देवियाँ ● महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी। ⚘
तीन लोक ● पृथ्वी, आकाश, पाताल। ⚘
तीन गुण ● सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण। ⚘
तीन स्थिति ● ठोस, द्रव, गेस। ⚘
तीन स्तर ● प्रारंभ, मध्य, अंत। ⚘
तीन पड़ाव ● बचपन, जवानी, बुढ़ापा। ⚘
तीन रचनाएँ ● देव, दानव, मानव। ⚘
तीन अवस्था ● जागृत, मृत, बेहोशी। ⚘
तीन काल ● भूत, भविष्य, वर्तमान। ⚘
तीन नाड़ी ● इडा, पिंगला, सुषुम्ना। ⚘
तीन संध्या ● प्रात:, मध्याह्न, सायं। ⚘
तीन शक्ति ● इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति। ⚘
चार धाम ● बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका। ⚘
चार मुनि ● सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार। ⚘
चार वर्ण ● ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र। ⚘
चार निति ● साम, दाम, दंड, भेद। ⚘
चार वेद ● सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद। ⚘
चार स्त्री ● माता, पत्नी, बहन, पुत्री। ⚘
चार युग ● सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग। ⚘
चार समय ● सुबह,दोपहर, शाम, रात। ⚘
चार अप्सरा ● उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा। ⚘
चार गुरु ● माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु। ⚘
चार प्राणी ● जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर। ⚘
चार जीव ● अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज। ⚘
चार वाणी ● ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्। ⚘
चार आश्रम ● ब्रह्मचर्य, ग्रहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास। ⚘
चार भोज्य ● खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य। ⚘
चार पुरुषार्थ ● धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष। ⚘
चार वाद्य ● तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।
पाँच तत्व ● पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु। ⚘
पाँच देवता ● गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य। ⚘
पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ ● आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा। ⚘
पाँच कर्म ● रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि। ⚘
पाँच उंगलियां ● अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा। ⚘
पाँच पूजा उपचार ● गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य। ⚘
पाँच अमृत ● दूध, दही, घी, शहद, शक्कर। ⚘
पाँच प्रेत ● भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस। ⚘
पाँच स्वाद ● मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा। ⚘
पाँच वायु ● प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान। ⚘
पाँच इन्द्रियाँ ● आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन। ⚘
पाँच वटवृक्ष ● सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (Prayagraj), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)। ⚘
पाँच पत्ते ● आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक। ⚘
पाँच कन्या ● अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।
छ: ॠतु ● शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर। ⚘
छ: ज्ञान के अंग ● शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष। ⚘
छ: कर्म ● देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान। ⚘
छ: दोष ● काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच), मोह, आलस्य।
सात छंद ● गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती। ⚘
सात स्वर ● सा, रे, ग, म, प, ध, नि। ⚘
सात सुर ● षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद। ⚘
सात चक्र ● सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मूलाधार। ⚘
सात वार ● रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि। ⚘
सात मिट्टी ● गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब। ⚘
सात महाद्वीप ● जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप। ⚘
सात ॠषि ● वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक। ⚘
सात ॠषि ● वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज। ⚘
सात धातु (शारीरिक) ● रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य। ⚘
सात रंग ● बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल। ⚘
सात पाताल ● अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल। ⚘
सात पुरी ● मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची। ⚘
सात धान्य ● गेहूँ, चना, चांवल, जौ मूँग,उड़द, बाजरा।
आठ मातृका ● ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा। ⚘
आठ लक्ष्मी ● आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी। ⚘
आठ वसु ● अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास। ⚘
आठ सिद्धि ● अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व। ⚘
आठ धातु ● सोना, चांदी, तांबा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा। ⚘
नवदुर्गा ● शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री। ⚘
नवग्रह ● सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु। ⚘
नवरत्न ● हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया। ⚘
नवनिधि ● पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।
कृपया उपर्युक्त पोस्ट को बच्चो को कण्ठस्थ करा दे। इससे घर में भारतीय संस्कृति जीवित रहेगी।
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