तिलक लगाने के लिए इस उंगली का प्रयोग देता है मौत को आमंत्रण
Hari Bhoomi 8 Nov. 2017 02:04
तिलक का प्रयोग पूजा-पाठ में विशेष महत्व रखता है। तिलक को पूजा की पवित्रता और भगवान के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि तिलक को माथे पर लगाने से आज्ञा चक्र जागृत होता है। एकाग्रता को बढ़ाने के लिए चंदन का प्रयोग करना बेहतर माना गया है।
तिलक लगाने में उंगली के प्रयोग का खास महत्व है। मान्यता है कि तिलक लगाने के लिए कुछ खास उंगली का ही प्रयोग किया जाना बेहतर होता है। शास्त्रों में अनामिका उंगली यानि रिंग फिंगर से चंदन लगाना सभी प्रकार से शुभ फल देने वाला कहा गया है। इसके अलावे सभी उंगलियों से चंदन लगाने का विशेष महत्व है। आज हम आपको विभिन्न उंगलियों से चंदन लगाने के प्रभाव के बारे में बता रहे हैं।
मध्यमा उंगली
मध्यमा उंगली जो कि बीच वाली उंगली होती है। इस उंगली को शनि की उंगली मानी जाती है। इसलिए चंदन लगाने के लिए इस उंगली का प्रयोग सौभाग्य कारक माना जाता है। इसके अलावे इस उंगली से चंदन लगाना व्यक्ति को स्वस्थ रखता है। इतना ही नहीं इस उंगली से तिलक लगाना आर्थिक सुदृढ़ता को दर्शाता है।
अनामिका अंगुली
इस उंगली से तिलक लगाना मानसिक शक्ति को अत्यधिक प्रबल बनाता है। इस उंगली का संबंध सूर्य से है इसलिए इस उंगली से तिलक लगाना व्यक्ति के आज्ञा चक्र को जागृत करता है। अनामिका उंगली से तिलक लगाना व्यक्ति के मान-सम्मान को बढ़ाता है। आज्ञा चक्र को जाग्रत करने के लिए ही पूजा पाठ में इस उंगली का प्रयोग किया जाता है।
अंगूठा
अंगूठा को शुक्र से जुड़ा माना गया है। शुक्र ग्रह धन-वैभव के करक होते हैं इसलिए इस उंगली से चंदन लगाने से धन-संपत्ति बढ़ती है। साथ ही व्यक्ति का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। मान्यता है कि अगर किसी बीमार व्यक्ति को नियमित रूप से अंगूठे का प्रयोग करते हुए चंदन का तिलक लगाया जाए तो कुछ ही दिनों में वह स्वस्थ हो जाता है।
तर्जनी उंगली
तिलक लगाने के लिए तर्जनी उंगली का प्रयोग करना असमय मृत्यु की ओर ले जाता है। तिलक लगाने के लिए तर्जनी उंगली का प्रयोग केवल मृत व्यक्ति के लिए किया जाता है। मरने के बाद मृत व्यक्ति को इस हेतु किया जाता है कि मृत व्यक्ति के आत्मा को मोक्ष प्राप्त हो जाए।
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