Sunday, July 23, 2017

कटी प्याज के नुकसान जरूर पढ़े

कटी प्याज के नुकसान
        जरूर पढ़े

मानो या ना मानो यह पूर्णतया सत्य है।देर से कटी प्याज का कभी उपयोग ना करें।प्याज हमेशा तुरंत काट कर खाएं।
कटी रखी प्याज दस मिनिट में अपने आस पास के सारे कीटाणु अवसोशित कर लेती है।
यह वेज्ञानिक तौर पर सिद्ध हो चुका है।
जब भी किसी मौसमी बीमारी का प्रकोप फैले घर में सुबह शाम हर कमरें में प्याज काट कर रख दें।
बाद में उसे फैंक दें।सुरक्षित बने रहेंगें।

*"प्याज "के संबध में महत्वपूर्ण जानकारी -अवश्य पढ़े*

सन 1919 में फ्लू से चार करोड़ लोग मारे जा चुके थे तब एक डॉक्टर कई किसानों से उनके घर इस प्रत्याशा में मिला कि वो कैसे इन किसानों को इस महामारी से लड़ने में सहायता कर सकता है। बहुत सारे किसान इस फ्लू से ग्रसित थे और उनमें से बहुत से मारे जा चुके थे।

डॉक्टर जब इनमें से एक किसान के संपर्क में आया तो उसे ये जान कर बहुत आश्चर्य हुआ जब उसे ये ज्ञात हुआ कि सारे गाँव के फ्लू से ग्रसितहोने के बावजूद ये किसान परिवार बिलकुल  बिलकुल स्वस्थ्य था तब डॉक्टर को ये जानने की इच्छा जागी कि ऐसा इस किसान के परिवार ने सारे गाँव से हटकर क्या किया कि वो
*इस भंयकर महामारी में भी स्वस्थ्य थे। तब किसान की पत्नी ने उन्हें बताया कि उसने अपने मकान के दोनों कमरों में एक प्लेट में  छिली हुई प्याज रख दी थी तब डॉक्टर ने प्लेट में रखी इन प्याज को माइक्रोस्कोप से देखा तो उसे इस प्याज में उस घातक फ्लू के बैक्टेरिया मिले जो संभवतया इन प्याज द्वारा अवशोषित कर लिए गए थे और शायद यही कारण था कि इतनी बड़ी महामारी में ये परिवार बिलकुल स्वस्थ्य क्योंकि फ्लू के वायरस इन प्याज द्वारा सोख लिए गए थे।*

जब मैंने अपने एक मित्र जो अमेरिका में रहते थे और मुझे हमेशा स्वास्थ्य संबधी मुद्दों पर  बेहद ज्ञानवर्धक जानकारी भेजते रहते हैं

तब उन्होंने प्याज के संबध में बेहद महत्वपूर्ण जानकारी/अनुभव मुझे भेजा । उनकी इस बेहद रोचक कहानी के लिए धन्यवाद।
क्योंकि मुझे इस  किसान वाली कहानी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

*जब मैं न्यूमोनिया से ग्रसित था और कहने की आवश्यकता नहीं थी कि मैं बहुत कमज़ोर महसूस कर रहा था तब मैंने एक लेख पढ़ा था जिसमें ये बताया गया था कि प्याज को बीच से काटकर रात में  न्यूमोनिया से ग्रस्त मरीज़ के कमरे में एक जार में रख दिया गया था और सुबह यह देख कर बेहद आश्चर्य हुआ कि प्याज सुबह कीटाणुओं की वज़ह से  बिलकुल काली हो गई थी*
*तब मैंने भी अपने कमरे में वैसे ही किया और देखा अगले दिन प्याज बिलकुल काली होकर खराब हो चुकी थी और मैं काफी स्वस्थ्य महसूस कर रहा था।*

कई बार हम पेट की बीमारी से दो चार होते है तब हम इस बात से अनजान रहते है कि इस बीमारी के लिए किसे दोषी ठहराया जाए। तब नि :संदेह प्याज को इस बीमारी के लिए दोषी ठहराया जा सकता है ,

*प्याज बैक्टेरिया को अवशोषित कर लेती है यही कारण है कि अपने इस गुण के कारण प्याज हमें ठण्ड और फ्लू से बचाती है*
*अत :वे प्याज बिलकुल नहीं खाना चाहिए जो बहुत देर पहले काटी गई हो और प्लेट में रखी गई हों। ये जान लें कि "काट कर रखी गई प्याज बहुत विषाक्त होती हैं "*

जब कभी भी फ़ूड पॉइसनिंग के केस अस्पताल में आते हैं तो सबसे पहले इस बात की जानकारी ली जाती कि मरीज़ ने अंतिम बार प्याज कब खाई थी. और वे प्याज कहाँ से आई थीं ,(खासकर सलाद में )

*तब इस बीमारी के लिए या तो प्याज दोषी हैं या काफी देर पहले कटे हुए
"आलू "*

*प्याज बैक्टेरिया के लिए "चुंबक "की तरह काम करती  हैं खासकर कच्ची प्याज।*

*आप कभी भी थोड़ी सी भी  कटी हुई प्याज को देर तक रखने की गलती न करे ये बेहद खतरनाक हैं*

*यहाँ तक कि किसी बंद थैली में इसे रेफ्रिजरेटर में रखना भी  सुरक्षित नहीं है।*

प्याज ज़रा सी काट देने पर ये बैक्टेरिया से ग्रसित हो सकती है और आपके लिए खतरनाक हो सकती है। यदि आप कटी हुई प्याज को सब्ज़ी बनाने के लिए उपयोग कर रहें हो
तब तो ये ठीक है मगर यदि आप कटी हुई प्याज अपनी ब्रेड पर रख कर खा रहें है तो ये बेहद खतरनाक है ऐसी स्थिति में आप मुसीबत को न्योता दे रहें हैं। याद रखे कटी हुई प्याज और कटे हुए आलू की नमी बैक्टेरिया को तेज़ी से  पनपने में बेहद सहायक होता है। कुत्तों  को  कभी भी प्याज नहीं खिलाना चाहिए  क्योंकि प्याज को  उनका पेट का मेटाबोलिज़ कभी भी   नहीं पचाता। -

*कृपया ध्यान रखे कि "प्याज को काट कर अगले दिन सब्ज़ी बनाने के लिए नहीं रखना चाहिए क्योंकि ये बहुत खतरनाक है यहाँ तक कि कटी हुई प्याज एक रात में बहुत विषाक्त हो जाती है क्योंकि ये टॉक्सिक बैक्टेरिया बनाती है जो पेट खराब करने के लिए पर्याप्त रहता है "*

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Saturday, July 22, 2017

जानिये गर्मियों में दूध का सेवन वेहतर है या दही का

जानिये गर्मियों में दूध का सेवन वेहतर है या दही का
Navyug Sandesh 23 Jul. 2017 10:47

बदलते मौसम के साथ हम अपना खान-पान भी लगातार बदलते रहते हैं, ये हमारी सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है और मन के लिए भी। ऐसे में हर घर में बढ़ती गर्मी के साथ- साथ दूध और दही का उपयोग भी बहुत ज्यादा किया जाता है। क्योंकि ये दोनो चीज़े हमारे सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। लेकिन दूध की तुलना में दही हमारे सेहत के लिए लिए अधिक लाभकारी होता है।
क्योंकि दूध से ही दही बनता है। इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ भी पाए जाते हैं जो दूध की अपेक्षा बहुत जल्दी पच जाते हैं । दूध की अपेक्षा दही में प्रोटीन, लैक्टोज, कैल्शियम कई विटामिन्स मौजूद होते हैं इसलिए दही को अधिक पोषक माना जाता है।इसलिए कमज़ोर पाचन क्षमता वाले लोग इसे दूध पर तरजीह दे सकते हैं। ये प्रोबायोटिक होता है।
1. सेहत के लिए लाभकारी
लगभग सभी लवण दही में मौजूद होते हैं।डॉक्टर मानते है कि दूध जल्दी हजम नहीं होता है कब्ज पैदा करता है, दही व मट्ठा तुरंत हजम हो जाता है। जिन लोगों को दूध नहीं हजम होता है। उन्हें दही या मट्ठा लेना चाहिये।किसी भी प्रकार के खाने को दही से हजम किया जा सकता है क्योंकि दही भोजन प्रणाली को दुरूस्त बनाए रखता है।
2. दही ज्यादा बेहतर
इसमें दूध की अपेक्षा कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, इससे हड्डियां और दांत मजबूत होते हैं। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से लड़ने में भी मदद करता है। विटामिन ए, डी, और बी-12 से युक्त दही में 100 ग्राम फैट और 98 ग्राम केलोरी है।
3. दही की मात्रा
एक दिन में 250ML दही खाना सही रहता है। हालांकि इसकी मात्रा आपके बाकी के खानपान पर काफी हद तक निर्भर करती है। दही अगर दोपहर में खाई जाए तो इसके फायदे अधिक होते हैं।
4. दही का सेवन करने में सावधानी
बासा दही का सेवन कभी करना चाहिए। रात्रि में दही का सेवन न करें । मांसाहारी भोजन के साथ दही नहीं खाएं। मधुमेह के रोगियों को दही का सेवन संयम से करना चाहिए। सर्दी, खांसी, जुकाम, टांसिल्स, अस्थमा एवं सांस की तकलीफों में दही का सेवन न करें।
संदर्भ पढ़ें रिपोर्ट
1डिसलाइक

वास्तूशास्त्र टिप्स

🥀🌼🌹🌷🌺🌸🥀 वास्तूशास्त्र टिप्स

1.हळद, केशर यांचा टिळा लावण्यामुळे श्रीमंती येते

2. रोख रक्कम हातात पडली की ती घरी आणून देवापुढे ठेवावी. कुठल्याही परिस्थितीत त्यातील एक रुपयाही खर्च करु नये दुसऱ्या दिवसापासून खर्च करायला सुरुवात करावी.

3. बुधवारी पैसे कोणास उधार देऊ नयेत. दिल्यास ते बुडतात व वसुलीला त्रास होतो. गुरुवारी पैसे देणे चांगले, मंगळवारी कर्जाचे पैसे देऊन कर्जफेड करावी. वा शुक्रवारी कर्जफेड स्थितीत सुधारणा होते. मंगळवारी पैसे/कर्ज घेतल्यास ते लवकर फिटत नाहीत.

4. संध्याकाळनंतर दिवे लागल्यावर कोणाला पैसे देऊ नये. तसेच राहूच्या होऱ्यात पैसे देणे/घेणे व्यवहार करू नये.

5. सूर्यास्ताअगोदर मोठी खरेदी करावी,सूर्यास्तानंतर मोठी खरेदी केल्यास व पैसे दिल्यास लक्ष्मी नाश पावते.

6. दिवा वा समईच्या ज्योतीचे तोंड उत्त्तरेकडे असल्यास लक्ष्मी प्रसन्न होते. पूर्वेकडे असल्यास सुखप्राती होते.

7. आपल्या कपाळी मधल्या बोटाने गंध लावूनच नंतर देवपूजा करावी. म्हणजे ती पूजा पूर्ण होते.

8. पैशासंबंधी कामासाठी निघताना उजवा पाय घराबाहेर टाकून निघावे. गणेशास एक लाल फुल मंदिरात वाहून समोर आलेल्या अपंग भिकाऱ्यास वा वृध्द भिकाऱ्यास पैसे देऊन त्याचे मन संतुष्ट करावे. म्हणजे यश मिळते.

9. घरात मनीप्लँट लावू नये. पैशाची चणचण भासते.

10. 'श्री स्वामी समर्थ' हा जप घरातल्या सर्वांनी किमान १०८ वेळा म्हणावा. कोणाही एका व्यक्तीने रोज एक हजार जप करावा. धनलाभ होतो.

11. घरातून कामानिमित्त्त बाहेर पडताना शर्टच्या वरच्या खिशात थोडेतरी पैसे ठेवावेतच. मोकळ्या खिशाने कधीही घराबाहेर पडू नये. पैसा पैशाकडेच जातो हे शाश्वत सत्य आहे.

12. घराच्या व दुकानाच्या दरवाजाला पायांनी स्पर्श करू नये.

13. रोज सकाळी पूजा झाल्यावर घरात शंख न विसरता फुंकावा. घरात वास्तव्यास असलेली अलक्ष्मी (लक्ष्मीची मोठी बहीण अवदसा) काढता पाय घेईल आणि लक्ष्मी चिरंतर नांदेल

14. जो मळकट कपडे घालतो. दात स्वच्छ घासत नाही, जास्त जेवतो, कठोर बोलतो आणि सूर्योदयी अथवा सूर्यास्तासमयी झोपतो तो साक्षात विष्णू असला तरी लक्ष्मी त्याला सोडून निघून जाते.

15. जी व्यक्ती दररोज सूर्यनारायणाला किंवा गणपतीला नमस्कार करते तिला आयुष्य, आरोग्य, ऎश्वर्य व तेजाची प्राप्ति होते.

16. रुद्राक्ष धारण करण्यासाठी वय, धर्म, जात , लिंग , देश इत्यादी नाहीत. रुद्राक्षाचे पवित्र्य नेहमी राखा यचे असते. त्यामुळे रुद्राक्षाची माळ झोपताना अथवा शरीरसंबंध ठेवताना वापरू नये. रुद्राक्षाची माळ घालून मृताजवळ जाऊ नये. कोणत्याही कारणाने रुद्राक्षाची माळ अशुद्ध झाली तर ती दुधाने धुऊन घेऊन श्रद्धापूर्वक तिची पूजा करावी व "ॐ नम: शिवाय " या मंत्राचा १०८ एवढा जप करावा व नंतर रुद्राक्ष माळ धारण करावी.

17. दर गुरुवारी तुळशीला थोडे दूध घातल्याने घरात लक्ष्मीचे कायमस्वरूपी वास्तव्य राह्ते.

18. एखाद्या मंगळवारी हनुमान मंदिरात जाउन १ किलो गूळ अर्पण करावा व तिथेच बसून "हनुमान चालिसा" चे ११ पाठ करावेत. अनावश्यक खर्चाला पायबंद बसेल.

19. कामानिमित्त घरातून बाहेर पडताना एखादे तुळशीपत्र तोंडात टाकावे.पैशाअभावी अडकलेली कामे मार्गी लागतील.

20. दर पौर्णिमेला रात्री बारानंतर लक्ष्मीचे वास्तव्य काही काळ अश्वत्थ वृक्षावर म्हणजे पिंपळावर असते आणि म्हणूनच ज्यांना शंका होईल त्यांनी अश्वत्थ वृक्षाला दहा प्रदक्षिणा घालाव्यात, आर्थिक अडचण कधी उद्‍भवणार नाही.

21. घरातील फरशी पुसताना थोडे खडे मिठ पाण्यात टाकावे. त्यायोगे घरातील नाकारात्मक ऊर्जा नष्ट होईल. लक्ष्मीप्राप्तीतले सर्व अडथळे दूर होतील.

22. घरात, दुकानात किंवा कार्यालयात मुरली वाजविणाऱ्या श्रीकृष्णाची तसवीर पूर्वेकडील भिंतीवर लावावी. कर्ज घेण्याची वेळ कधीच येणार नाही.

23. नोकरीमध्ये प्रमोशन मिळत नसेल तर हा उपाय करावा. सर्वात प्रथम उजव्या हातावर काळ्या रंगाचा दोरा बांधलेला असेल तर सर्वात प्रथम तो काढून टाकावा आणि त्याऐवजी पचंरगी धागा बांधावा. दररोज सकाळी कबुतरांना ज्वारी टाकावी. प्रगती १००% होतेच होते.

24. ज्या ज्या वेळी आपण समुद्रकिनारी फिरायला जाता त्या त्या वेळी जलदेवतेला प्रार्थना करून एक श्रीफळ ( नारळ ) कुंकू अर्पण करुन विसर्जित करा

25. रोज रात्रौ पूजा केल्यानंतर किंवा लक्ष्मीपूजन केल्यानंतर घरामध्ये, व्यावसायिक ठिकाणी शंख वाजवावा कटकट निघून जाते

26. दूध व साखर मिसळलेले पाणी पिंपळाच्या झाडाला घालावे.

27. घरामध्ये सूर्योदय आणि सूर्यास्ताच्या अगोदर झाडू मारावा. त्यामुळे घरामध्ये दारिद्रय येत नाही. उत्त्तर- पूर्वेला दरवाजा असेल तर तांदळाचं आणि पश्चिम-दक्षिणेला दरवाजा असेल तर गव्हाचे स्वस्तिक उंबरठयावर काढावं. त्यावर मधोमध सुपारी व चार बिंदुवर रुपया हळकुंड, खारीक व बदाम असं क्रमाने ठेवावं किंवा विडयाच्या पानावर अक्षता सुपारी ठेवून ते पान उंबरठयावर ठेवा. किमान सणासुदीला वा वाढदिवशी वगैरे तरी हे करावे.

28.उपवास करून - शरीरशुध्दी होते,

यात्रा करून - शरीर बलवान होते,

जप करून - मानसिक विकास होतो,

अनिष्ट ग्रहांची शांती केल्याने - यश मिळते,

धन, रत्‍न जतन केल्याने - लक्ष्मी स्थिर राह्ते,

दान केल्याने - धन दौलत व राजऐश्वर्य लाभते,

वास्तुशास्त्रानुरूप - घर बांधल्याने स्वास्थ्य मिळते,

रत्‍न वापरल्याने - मानसिक स्थिरता, शरीर बलवत्ता लाभते,

29. पैशाची कधीही कमतरता भासणार नाही.

अश्र्वत्थाची (म्हणजे पिंपळाची) नित्य पूजा करून त्याला पाणी घालावे व 'दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा' हा मंत्र म्हणून १०८ प्रदक्षिणा घालाव्यात व सूर्यास्तानंतर तेथे साजूक तुपाचे निरांजन लावून ठेवावे तुमच्या मस्तकावर लक्ष्मीचा सदैव वरदहस्त राहील.

30. कुलदैवताचे वर्षातून एकदा दर्शन, अभिषेक व पूजा टाळाटाळ न करता करावी. तुमच्याकडे पैशाचा ओघ सतत वाहात राहील.

31. गुरूपुष्यामृत योगावर सराफाकडून किमान १ मिलीग्रॅम तरी सोने न विसरता प्रसंगी पोटाला चिमटे घेऊन विकत आणावेच आणावे. गुरूपुष्यामृत केव्हा आहे हे पंचागात किंवा कॅलेंडरमध्ये दिलेले असते तो दिवस माहीत करून घ्यावा व लक्षात ठेवावा. पुरेसे सोने जमा झाले की पत्‍नीलाच एखादा दागिना करावा. सोने गुरुपुष्यामृत योगावर खरेदी करण्याचे कारण असे की ते विकायची पाळी कधीच येणार नाही.

32. कोणत्याही महत्त्वाच्या कामासाठी घराबाहेर पडताना चमचाभर गोड दही खाणे अत्यंत शुभ व लोभदायक.

33. स्नान करूनच भोजन करावे. जेवण केलेल्या ताटात हात धुवू नये. मांडीवर वा हातात ताट घेऊन जेवू नये. दक्षिणेकडे तोंड करून जेवू नये.

34. एक लांबलचक मोरपीस विकत आणून ते घराच्या दक्षिणेकडील भिंतीवर सेलो टेपने चिकटवून ठेवावे रोज सायंकाळी त्याला उदबत्ती ओवाळावी. हा तोडगा ज्यांचे येणे अडकून पडले आहे त्यांनी अवश्य करून पाहण्यासारखा आहे. तीन चार महिन्यात येणे असलेली रक्कम हटकून परत मिळते.

35. व्यापार मंदावत चालला असेल, व्यापार बंद पडला असेल किंवा भांडवल असूनही व्यापार होत नसेल तर अशा वेळी व्यापारामध्ये यश येण्यासाठी पुढील प्रभावी तोडगा अवश्य करावा. दररोज सकाळी देवासमोर बसून विष्णुसहस्त्रार्जुनचा जप करावा. तसेच तुळशीकाष्ठाची पाने घेऊन 'ॐ नमो विष्णवे नम:' या मंत्राचा जप करावा

36. रोज गरम तव्यावर पोळी-भाकरी भाजण्यापूर्वी दूध शिंपडावे यामुळे घरातील आजारपण कमी होते.

37. जास्तीत जास्त अन्नदानाच्या योगे अनेक दोष नष्ट होतात.

38. जेव्हा बँकेत पैसे जमा करण्यासाठी जात असाल तेव्हा रस्त्याने ओठ न हलवता मनातल्या मनात "श्री श्री" मंत्राचा जप अवश्य करत जावा. यामुळे आर्थिक स्थितीमध्ये आश्र्चर्यकारक रूपात वृद्धी होईल. वारंवार धन जमा करण्याची संधी येईल.

39. घरातील नवीन केरसुणी आणल्यावर तिला हळद/कुंकू लावून पूजा करून वापरावी. तिला पाय लावू नये व ती सहज दिसेल अशी ठेवू नये. दिवे लागल्यावर झाडू मारू नये.

40. घराचा मुख्य दरवाजा नेहमी फडक्याने पुसून स्व्च्छ ठेवावा तसेच संध्याकाळी तिन्हीसांजेला मुख्य दरवाजा थोडा वेळ उघडा ठेवावा. त्या वेळेस धूप दाखवावा.

41. दसऱ्याच्या दिवशी एखाद्या गर्भश्रीमंत व चरित्र्यवान व्यक्तीने दिलेली आपट्याची पाने चांदीच्या अगर पितळेच्या डबीत ठेवून ती देवापाशी ठेवावी. अशा तऱ्हेने मिळालेली आपटयाची पाने ही धन देणारी असतात.

42. घरात ज्या खोलीत तिजोरी ठेवलेली असेल त्या भिंतीचा रंग काळा, लाल अथवा निळा नको. पिवळा असावा.

43. रोज सकाळी पाण्यात थोडेसे मीठ मिसळून त्या पाण्याने घरातील फरशी पुसावी. मन:शांती लाभते .

44. रोज सकाळी पहिली भाकरी गायीला, दुसरी कुत्र्याला व तिसरी छतावर पक्ष्यांसाठी ठेवावी. यामुळे पितृदोष नाहीसा होतो व पितृदोषाने होणारा त्रासही कमी होतो.

45. कोणाकडून कर्ज घेतले तर, त्यातले ५-१० रुपये त्वरित कर्ज परतफेड म्हणून परत करावेत. कर्ज लवकर उतरते.

46. सगळ्यात महत्त्वाची गोष्ट म्हणजे वास्तुदोषावर उपाय म्हणून घराची तोडफोड करणे हे शास्त्रसंमत नाही. तोडफोड केल्याने सगळ्यात मोठा म्हणजे वास्तुभंगाचा दोष लागतो.

47. घराच्या प्रवेशद्वारावर/ मुख्य दरवाजावर लाल रंगाचे कुंकवाचे स्वस्तिक चिन्ह काढावे. या स्वस्तिकची स्टिकर्स शक्यतो लावू नये.

48. उंबरठयावर दर पोर्णिमेला तसेच अमावस्येला पाच कापराच्या वडया (पंचमहाभूतांच्या दोष परिहारार्थ) जाळाव्यात.

49. कान तुटलेले अथवा भेगा गेलेले कप, स्टीलची, काचेची अथवा प्लॅस्टिकची भेगा गेलेली भांडी, बंद पडलेली घडयाळे किंवा भंगारवजा सामान घरात ठेवू नये. अशा वस्तू ताबडतोब घराबाहेर काढाव्यात कारण या तुटलेल्या व भंगारवजा वस्तूंमध्ये कलीचा वास असतो.

50. एकाक्ष नारळाला विशेष महत्व का असते?

उत्तर: बहुतेक सर्व नारळाला तीन डोळे असतात. क्वचितच एक डोळा असलेला नारळ असू शकतो. एकाक्ष नारळ लक्ष्मीदायक असल्याने सांपत्तिक लाभ होतो. म्हणून अशा एकाक्ष नारळाला 'चिंतामणी' नारळ म्हणतात. असा नारळ फोडत नाहीत त्यास देवघरात व्यवस्थित ठेवून देतात.

51. विष्णू, सूर्य आणि शिव यांच्या मंदिरासमोर कधीही घर बांधू नये.

52. घराच्या मुख्य दरवाजापेक्षा घराचे आतील दरवाजे हे कधीही उंच अथवा मोठे असू नयेत.

53 . वास्तूची आयुमर्यादा काढायची असल्यास घराच्या किंवा इमारतीच्या क्षेत्रफळाला ८ ने गुणून १२० ने भाग दिल्यावर जी संख्या उरते तेवढे त्या गृहाचे अथवा इमारतीचे आयुष्य आहे, असे समजावे.

54. काटेरी वृक्ष घरामध्ये लावणे प्रत्येकाने जरूर टाळावे.

55. बाधित वास्तूसाठी काय उपाय करता येतात?

उत्तर: यामध्ये काही तांत्रिक उपाय करून अशी बाधा दूर करता येते. मात्र त्यापेक्षा श्री सप्तशतीची आवश्यकतेनुसार हवनात्मक नवचंडी किंवा शतचंडी करावी.

56. ज्या व्यक्तींच्या घरात बेलाचा वेल असतो त्या घरात लक्ष्मीचा वास असतो.

57. यशस्वी होण्यासाठी कर्तृत्वाला आणखी एका गोष्टीची जोड द्यावी बायकोच्या व्यवहारचार्तुयाची (म्हणून मित्रांनो आपल्या बायकोच्या भावभावनांचा थोडा विचार करा. आपल्या संसारात सुखी राहा

58. आपल्या घरच्या प्रवेशद्वारासमोर कोणतेही झाड असू नये हे शतश: खरे आहे. त्यामुळे द्वारवैद्य हा दोष निर्माण होतो. तसेच प्रवेशद्वारावर कोणत्याही झाडाची सावली पडू नये हेही निक्षून सांगितले आहे

'सोने देणारे झाड असले तरी त्याची सावली प्रवेशद्वारावर असू नये. अशा शब्दात वृक्षायुर्वेदकार याबाबत आग्रहीपणाने सांगतात.

59. घरमालकीण गरोदर असताना बांधकाम सुरू करू नये.

60. ज्यांचा विवाह होण्यास अनेक अडचणी येतात, ठरलेले विवाह मोडतात अशांनी 'नवनाथ भक्तिसार' २८ वा अध्याय दररोज संध्याकाळी सातनंतर वाचावा.

61. नोकरीच्या मुलाखतीस जाताना थोडा गूळ रस्त्यावरील गायीस खायला द्यावा

62. मुले नीट वागण्यासाठी नवनाथ भक्तिसारातील ५ वा अध्याय घरात दररोज संध्याकाळी ७ नंतर वाचावा.

63. आपल्या घरामध्ये आपली पत्नी, मुले किंवा कोणालाही अपशब्द वापरू नयेत. कारण वास्तू नेहमी तथास्तु म्हणत असते.

64. वर्षातून एकदा तरी कुलदेवताच दर्शन घ्यावे.

65. रोज सकाळ-संध्याकाळ आपणास आवडत्या अशा मंद सुवासाची उदबत्ती किंवा धूप घरात जाळावे.

66. आपल्या स्वत:च्या गाडीचे पार्किंग उत्तरेस किंवा पूर्वेस तोंड करुन ठेवावे. दक्षिणेला तोंड करुन गाडी ठेवू नये.

67. शिकार केलेल्या प्राण्यांचे मुखवटे किंवा जंगली ओबडधोबड लाकडाचे सिरॅमिक्स घरात ठेवू नयेत.

68. बेडरुमला रंग लावताना पिस्ता किंवा गुलाबी रंगाचा वापर करावा.

69. तुळशीत काही लोक शंकराची पिंड ठेवतात. ते चुकीचे आहे. तर काही लोक भंगलेल्या मूर्ती तुळशीत ठेवतात तेही चुकीचे आहे. तुळशीत फक्त देवास वापरलेले पाणी विसर्जित करावे.

70. घरात विनाकारण कटकट होत असेल तर घरामध्ये हळद आणि गोमूत्र मिश्रित पाणी शिंपडावे. तरीही फरक न वाटल्यास पाच सवाष्णींना मानपान करावे व दूध द्यावे . असे केल्याने कटकटी कमी होतील.

71. श्रीवेद व्याससुध्दा म्हणतात ज्याचे मन किंवा विचार मोठे त्याचे भाग्यही मोठे असा मानसशास्त्राचा प्रत्यक्षानुक्षणी सिद्धान्त आहे.

72. ज्या वनस्पतीमधून पांढरा चीक येतो अशी झाडे घराभोवती लावू नये

73. देवघरात, देवाच्या फोटोबरोबर मृतव्यक्तीचे फोटो ठेवू नये.

74. मुख्य दरवाज्यास उंबरठा असणे आवश्यक असते.

75. ज्या नवीन वास्तूस दारे, खिडक्या बसविलेल्या नाहीत अशा वास्तू मध्ये ब्राह्मणभोजन झाल्याशिवाय कधीही प्रवेश करू नये.

76 उंबरठयावर लक्ष्मीची पावलं चिकटवू नयेत. करण त्या लक्ष्मीच्या पावलांवर आपली पावले पडणं हे काही बरं नाही 🌸🙏🏼🙏🏼🙏🏼🌺

Sunday, July 16, 2017

दूध पीते समय सिर्फ दाल दे एक चीज शरीर बन जायेगा फौलाद

दूध पीते समय सिर्फ दाल दे एक चीज शरीर बन जायेगा फौलाद


दोस्तो अगर आप भी दूध पीते है तो सिर्फ उसमे एक चीज दाल दिजीये फिर देखये आपका शरीर एकदम फौलाद बना देगा। जिसका नाम है दालचीनी, अगर आप ऐसा करेंगे तो आपको कुछ ही दिनों में इसका असर दिख जाएगा तो चलिए देखते है इसका फायदा

कैसे उपयोग करे

एक कप दूध में एक से दो चम्मच दालचीनी पावडर डालकर अच्छा तरह मिला लें। आपका दूध तैयार है।

फायदा

1 नींद की समस्या

अगर आपको अनिद्रा की दिक्कत है या फिर आपको अच्छी नींद नही आती है या सोते समय आपकी नींद उचट जाती है तो आपके लिए दालचीनी वाला दूध पीना बहुत फायदेमंद रहेगा। सोने से पहले एक चम्मच दालचीनी वाला दूध ले, इससे आपको अच्छी और चैन की नींद आएगी।

2 खूबसूरत बाल और त्वचा

इसका उपयोग करने से बालों और स्कीन से जुड़ी हर समस्या दूर हो जाएगी। इसका एन्टी बैक्टीरियल गुण स्कीन और बालों को इन्फेक्शन से बचाता है और त्वचा को ग्लो प्रदान करता है।

3 अच्छे पाचन के लिए

अगर आपकी पाचन क्रीया अच्छी नही है, आपका खाना पचता नही है, गैस बनती है तो आपके लिए दालचीनी वाला दूध पीना बहुत फायदेमंद रहेगा। इसके साथ ही गैस की समस्या में भी ये राहत देने का काम करता है।

4 हड्डियों के लिए

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए लोग सालो से दालचीनी वाले दूध का उयोग करते आ रहे है। विशेषजो कि माने तो इस दूध की नियमित सेवन से गठिया की समस्या नही होती है।