Saturday, April 22, 2017

भूलकर भी न करें ये काम क्योंकि इन पापों को भगवान भोलेनाथ नहीं करते हैं क्षमा, देते हैं कठोर दंड

भूलकर भी न करें ये काम क्योंकि इन पापों को भगवान भोलेनाथ नहीं करते हैं क्षमा, देते हैं कठोर दंड
Khabrein24

शिव जी को भोलेनाथ कहा जाता है क्योंकि शिव जी सादगी पसंद ईश्वर है। उन्हें कच्चा फल पसंद है। एक लोटा पानी से भी शिव जी खुश हो जाते हैं। खासतौर से यदि आप अपनी जिंदगी से निराश या हताश हैं, तो आपको शिव जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। लेकिन भोलेनाथ जितनी जल्दी खुश होते हैं, उतनी ही जल्दी वे नाराज भी हो जाते हैं। खासतौर से ऐसे लोगों से, जो बेईमानी और धोखेबाजी करते हैं।
पंडितों के मुताबिक भगवान शिव हर व्यक्त‍ि के मन की बात सुनते हैं। शायद यही वजह है कि आज 21वीं सदी में शिव जी की पूजा सबसे ज्यादा लोग करते हैं। खासतौर से युवाओं के बीच शिव जी काफी प्रचलित हैं। मगर भगवान शिव जी जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं, उनका गुस्सा उससे भी प्रलयकारी होता है।
पंडितों का कहना है कि शिव पुराण में कार्य, बात-व्यवहार और सोच द्वारा किए गए कुछ पाप वर्णित हैं, जिसे भगवान शिव कभी क्षमा नहीं करते हैं। ऐसा व्यक्ति हमेशा ही शिव जी के कोप का भाजन होगा और कभी भी सुखी जीवन व्यतीत नहीं कर सकता है।
आपने सुना होगा कि ऊपरवाले से कुछ छुपा नहीं होता है। यहां तक कि आप अपने दिमाग में जो सोच रहे होते हैं, वह भी भगवान से छुपा नहीं होता है। इसलिए भले ही बात और व्यवहार में आपने किसी को नुकसान ना पहुंचाया हो, यदि मन में किसी के प्रति कोई दुर्भावना है या आपने किसी का अहित सोचा हो, तो यह भी पाप की श्रेणी में आता है।
1.) शादी तोड़ने की काशिश
भगवान शिव को ऐसे लोग बिल्कुल पसंद नहीं हैं, जो अपने रिश्ते में ईमानदारी नहीं रखते हैं। खासतौर से किसी दूसरे की शादीशुदा जिंदगी को तोड़ने की कोशिश करने से भोलेनाथ नाराज होते हैं और इस पाप को माफ नहीं करते हैं। दूसरे के पति या पत्नी पर बुरी नजर रखना या उसे पाने की इच्छा करना भी पाप की श्रेणी में आता है।
2.) अफवाह फैलाना
समाज में किसी के मान-सम्मान को हानि पहुंचाने की नीयत से या उसकी पीठ पीछे बातें करना या अफवाह फैलाना भी एक अक्षम्य पाप है।
3.) गर्भवती महिला को कुवचन
किसी गर्भवती महिला या मासिक के दौरान किसी महिला को कटु-वचन कहना या अपनी बातों से उनका दिल दुखाना, शिव जी की नजरों में यह भी अक्षम्य अपराध और पाप है।
4.) नुकसान पहुंचाने के लिए झूठ बोलना
किसी के सम्मान को हानि पहुंचने की नीयत से झूठ बोलना 'छल' की श्रेणी में आता है और अक्षम्य पाप का भागीदार बनाता है।
5.) गलत रास्ता अपनाना
कुछ लोग रास्ता भटक जाते हैं, पर सही निर्देश मिलने पर वापस सही रास्ते पर आ जाते हैं। मगर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो सही सुझाव मिलने के बावजूद बुराई का साथ नहीं छोड़ते और बुरी राह को खुद चुनते हैं। ऐसे लोगों के पाप क्षमा करने योग्य बिल्कुल भी नहीं हैं।
6.) बुरी सोच
शिव पुराण के मुताबिक जिस प्रकार आप किसी का बुरा नहीं करने के बावजूद, उसके लिए बुरी सोच रखने के कारण भी पाप के हकदार और दंड की श्रेणी में आ जाते हैं, उसी प्रकार भले ही आपने अपने कार्य से किसी का बुरा ना किया हो, मगर आपकी बोली आपकों अक्षम्य पापों का हकदार भी बना सकती है।
7.) पैसों की धोखेबाजी
दूसरों का धन अपना बनाने की चाह रखना, पैसों की हेराफेरी करना और धन-संपत्त‍ि लूटना भी पाप की श्रेणी में आता है। भगवान शिव इसे अक्षम्य अपराध मानते हैं।
8.) कष्ट देना
किसी भोलेभाले और निरपराध इंसान को कष्ट देना, उसे नुकसान पहुंचाना या उसके लिए बाधाएं पैदा करने की योजना बनाना या ऐसी सोच रखना भगवान शिव की नजरों में हर हाल में माफी ना देने योग्य पाप है।

Friday, April 21, 2017

नाभि में छिपा है सुंदर त्वचा का राज, अपनाएं ये टिप्‍स

नाभि में छिपा है सुंदर त्वचा का राज, अपनाएं ये टिप्‍स
Dabang Dunia 21 Apr. 2017 15:22

वैसे तो महिलाओं की सुंदरता को नाभि ओर बढा देती हैं। नाभि से भी महिलाएं सुंदर नजर आती हैं। बैली बटन यानि पेट की नाभि हमारे शरीर का बेहद दिलचस्प भाग है।
इसका सीधा संबंध हमारे चेहरे से होता है, इसलिए आप अपनी किचन में मौजूद अलग-अलग तरह के तेलों को नाभि पर लगाकर त्‍वचा से जुड़ी काफी परेशानियों से राहत पा सकते हैं।
सरसों का तेल
फटे होठों से परेशान हैं तो रोजाना नहाने के बाद नाभि पर सरसों का तेल लगाएं। इससे होंठ नर्म और मुलायम हो जाएंगे।
बादाम का तेल
मौसम में बदलाव के कारण त्वचा की रंगत खराब हो गई है तो रोजाना नाभि पर बादाम का तेल लगाएं। इससे त्वचा पर चमक आ जाएगी।
नीम का तेल
मुहांसो से परेशान हैं तो नाभि पर रोजाना नीम का तेल लगाएं। रोजाना इस तेल के इस्तेमाल से चेहरे के मुंहासे साफ हो जाएंगे।
मक्खन
गाय के दूध से बना मक्खन नाभि पर लगाने से त्वचा कोमल और मुलायम हो जाती है।
नारियल और जैतून का तेल
नाभि पर नारियल और जैतून के तेल रोजाना लगाने से प्रजनन शक्ति बढ़ती है।

Saturday, April 15, 2017

उन्हामुळे मृत्यू का होतो?

उन्हामुळे मृत्यू का होतो?

आपण सगळेच उन्हात फिरतो. पण काही जणांचाच उन्हात गेल्यामुळे अचानक मृत्यू का होतो?

👉 आपल्या शरीराचं तापमान नेहमी ३७° अंश सेल्सियस असतं, या तापमानातच शरीरातले सर्व अवयव नीट काम करू शकतात

👉 घामाच्या रूपाने पाणी बाहेर काढून शरीर ३७° अंश सेल्सियस तापमान कायम राखतं, सतत घाम निघत असताना पाणी पीत राहाणं अत्यंत गरजेचं आणि अत्यावश्यक आहे.

👉 पाणी शरीरात इतरही अधिक महत्त्वाची कामं करतं, त्यामुळे शरीरातला पाण्याचा साठा कमी झाला, तर शरीर घामाच्या रूपाने पाणी बाहेर टाकणं टाळतं

👉 जेव्हा बाहेरचं तापमान ४५°अंशाच्या पुढे जातं आणि शरीरातली कूलिंग व्यवस्था पाण्याच्या अभावाने ठप्प होते, तेव्हा शरीराचं तापमान ३७°च्या पुढे जाऊ लागतं.

👉 शरीराचं तापमान जेव्हा ४२° डिग्री सेल्सियसपर्यंत पोहोचतं, तेव्हा रक्त तापू लागतं आणि रक्तातलं प्रोटिन अक्षरशः शिजू लागतं (उकळत्या पाण्यात अंड उकडतं तसं!)

👉 स्नायू कडक होऊ लागतात, त्यात श्वास घेण्यासाठी लागणारे स्नायूही निकामी होतात.

👉 रक्तातलं पाणी कमी झाल्यामुळे रक्त घट्ट होतं, ब्लडप्रेशर अत्यंत कमी होतं, महत्त्वाच्या अवयवांना (विशेषतः मेंदूला) रक्त पुरवठा थांबतो.

👉 माणूस कोमात जातो आणि त्याचे एक-एक अवयव अवघ्या काही क्षणांत बंद पडतात आणि त्याचा मृत्यू ओढावतो.

👉 उन्हाळ्यात असे अनर्थ टाळण्यासाठी सतत थोडे थोडे पाणी पित रहावे, व आपल्या शरीराचे तापमान 37° अंशच कसे राहिल याकडे लक्ष द्यावे.

Hot & cold food list

सफरचंद               - थंड
चिकू                     - थंड
संत्री                     - उष्ण
लिंबू                     - उष्ण
कांदा                    - थंड
बटाटा                   - उष्ण
पालक                   - थंड
टॉमेटो                   - उष्ण
कारले                   - उष्ण
कोबी                    - थंड
गाजर                   - थंड
मिरची                   - उष्ण
मका                     - उष्ण
मेथी                     - उष्ण
वांगे                      - उष्ण
भेंडी                     - उष्ण
बीट                     - थंड
बडीशेप                 - थंड
वेलची                   - थंड
पपई                     - उष्ण
अननस                 - उष्ण
डाळींब                 - थंड
ऊस                    - उष्ण
मीठ                     - थंड
मूग डाळ               - थंड
चणा डाळ             - उष्ण
गुळ                     - उष्ण
तिळ                    - उष्ण
शेंगदाणे / बदाम / काजू / अक्रोड / खजूर     - उष्ण
हळद                   - उष्ण
कॉफी                  - थंड
दूध / दही / तूप / ताक / तांदूळ                  - थंड

उन्हाळ्यात थंड पदार्थ जास्त खाल्ल्यास होणारा त्रास कमी होतो .

             ✍🏻 आयुर्वेदातून संकलन
कृपया वाचून झाल्यावर आपल्या जावड ग्रुप असतील तेवढ्या लोकांना पाठवा🙏🙏